नई दिल्ली, धन शोधन का मामला रद्द करने की हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और अन्य की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय सोमवार को कोई फैसला सुना सकता है। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश आर के गौबा के समक्ष मामले की सुनवाई हुई थी जो इस पर आपना आदेश सुना सकते हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने इससे पहले धनशोधन के मामले में 83 वर्षीय नेता, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह और पुत्र विक्रमादित्य को पूछताछ के लिए तलब किया था।
ईडी ने सीबीआई की ओर से आपराधिक शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद संग्यान लेते हुए सितंबर 2015 को मुख्यमंत्री और अन्य के खिलाफ दर्ज धन शोधन की रोकथाम कानून के तहत मामला दर्ज किया था। आय से अधिक संपत्ति मामले में सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के उच्च न्यायलय के इनकार के चंद घंटों के बाद ही सीबीआई ने 31 मार्च को उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था।
उच्च न्यायालय ने सिंह का यह दावा खारिज कर दिया था कि प्राथमिकी राजनीतिक प्रतिशोध के चलते दर्ज कराई गई है। जांच एजेंसी सिंह और उनके परिजनों पर 2009 से 2011 के बीच आय के ग्यात स्रोत से अधिक धन इकट्ठा करने के आरोपों की जांच कर रही है। इस दौरान सिंह केन्द्रीय इस्पात मंत्री थे। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि केन्द्रीय मंत्री के पद पर रहते हुए सिंह ने अपने और अपने परिजनों के नाम पर एलआईसी की पॉलिसियों के माध्यम से भारी मात्रा में निवेश किया था।