वाशिंगटन, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मेक्सिको जैसे उन देशों से आयात किए जाने वाले सामान पर 20 प्रतिशत का कर लगाने पर विचार कर रहे हैं, जिनसे किया जाने वाला आयात अमेरिका से किए जाने वाले निर्यात की तुलना में ज्यादा है। व्हाइट हाउस के अनुसार, यह कर लगाने का उद्देश्य अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर बनाई जाने वाली दीवार के लिए धन जुटाना है। यह अमेरिका और मेक्सिको की सीमा पर प्रस्तावित इस दीवार के निर्माण के लिए धन जुटाने के तरीकों में से एक है।
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने ट्रंप के साथ फिलाडेल्फिया से वाशिंगटन डीसी जाते समय एयर फोर्स वन में मौजूद संवाददाताओं को बताया कि फिलहाल यह प्रस्ताव सिर्फ मेक्सिको के लिए है। स्पाइसर ने कहा, यदि आप उस 50 अरब डॉलर के आयात पर 20 प्रतिशत की दर से कर लगाते हैं तो यह एक ऐसा काम है, जिसे 160 अन्य देश इस समय कर रहे हैं। हमारे देश की नीति है कि निर्यात पर कर लगाओ और आयातित वस्तुओं को मुक्त रूप से आने दो। यह हास्यास्पद है। आयात पर कर लगाने की नीति से हम एक साल में 10 अरब डॉलर पा सकते हैं और इस अकेली प्रक्रिया से दीवार के निर्माण के खर्च का भुगतान कर सकते हैं।
स्पाइसर ने कहा, इस समय हमारा ध्यान मेक्सिको पर केंद्रित है लेकिन यदि हम हमारी व्यापार स्थिति की ओर या जिन देशों के साथ व्यापार में हम घाटे की स्थिति में हैं..उनकी ओर समग्र तौर पर देखते हैं, तो मुझे लगता है कि यही वह चीज है, जिस पर राष्ट्रपति जोर देते रहे हैं। स्पाइसर ने कहा कि उन्होंने सीमा से संबंधित कर के बारे में बात की है। खासकर उन कंपनियों के बारे में जो यहां से चली गईं और सामान वापस भेज देती हैं। लेकिन इस मामले में ध्यान आव्रजन वाले हिस्से पर केंद्रित किया गया। स्पाइसर ने कहा, यह ध्यान रखिए कि 160 अन्य देश ऐसे हैं, जो यह काम करते हैं।
हम तमाम बड़े देशों में से एक ऐसा देश हैं, असल में एकमात्र ऐसा देश हैं, जो आयातों के प्रति इस तरह का रूख नहीं अपनाता। उन्होंने कहा, फिलहाल हम निर्यात पर कर लगाते हैं, आयात पर नहीं। उन्होंने कहा, यदि आप मेक्सिको जैसे उन देशों से होने वाले आयात पर सीमा कर लगाने पर विचार करें, जिनसे होने वाला आयात हमारे यहां से होने वाले निर्यात से ज्यादा है, तो इससे वाकई हमें वित्तपोषण मिलेगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मेक्सिको जैसे देशों से होने वाले आयात पर 20 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव शुरूआती चरण में है और अब तक कुछ भी तय नहीं हुआ है।