नई दिल्ली, नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को आज उस समय बड़ी राहत मिली जब पटियाला हाउस अदालत ने भारतीय जनता पार्टी नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी की इस मुकदमे के कागजात दिये जाने संबंधी याचिका खारिज कर दी। इस मामले की अगली सुनवाई अब 10 फरवरी को होगी।
स्वामी ने जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित नेशनल हेराल्ड समूह की संपत्तियों का अवैध ढंग से इस्तेमाल करने के लिए दोनों पर आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया था। इस मामले में दोनों के अलावा कांग्रेस के कई अन्य नेताओं के नाम भी सामने आए थे। इससे पहले अदालत ने नेशनल हेराल्ड अखबार की प्रकाशक कंपनी एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (एजीएल) और कांग्रेस के सील बंद लिफाफे में दाखिल दस्तावेजों को सरकारी विभागों को वापस भेजने का आदेश दिया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस वर्ष 12 जुलाई को दिए आदेश में पटियाला हाउस अदालत के फैसले को पलट दिया था। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 91 के तहत कोई भी आदेश देने से पहले आरोपी का पक्ष सुना जाना जरूरी है लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ है। अदालत के इस आदेश के बाद स्वामी को अब कांग्रेस, एजीएल की बैलेंस सीट और आयकर संबंधी दस्तावेज नहीं मिलेंगे। भाजपा नेता ने 2012 में यह मामला दर्ज कराया था। अदालत ने 26 जून 2014 को सोनिया, राहुल के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल बोरा, सैम पित्रौदा और सुमन दुबे को हाजिर होने का आदेश दिया था। मामले में सोनिया और राहुल गांधी अदालत में हाजिर हुए थे और फिलहाल जमानत पर हैं।