नई दिल्ली, नोटबंदी के ऐतिहासिक निर्णय से वोट और नोट की राजनीति करने वाले दलों की कमर टूटने को रेखांकित करते हुए भाजपा ने कहा कि मोदी सरकार के नोटबंदी के साहसिक निर्णय से सवा अरब भारतीयों का भरोसा नहीं टूटा है, बल्कि सवा सौ साल पुरानी कांग्रेस पार्टी का आत्मविश्वास तहस-नहस हो गया है।
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा कि कालेधन, भ्रष्टाचार और आतंकी फंडिंग को खत्म करने के यज्ञ में पूरा देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ खड़ा है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को मुद्दे नहीं मिल रहे तो वह टीआरपी की राजनीति में उतर आए हैं। अहंकार और दंभ से भरे राहुल गांधी कांग्रेस के सिमटते जनाधार से बौखला गए हैं। इसलिए प्रधानमंत्री पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। उनकी टीआरपी पाने की लालसा के चलते संसद का शीतकालीन सत्र बाधित हो रहा है। शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी कहते हैं कि वह सदन में बोलना चाहते हैं लेकिन सच तो यह है कि कालेधन पर बेनकाब होने के डर से वे सदन से भाग रहे हैं और कार्यवाही में व्यवधान डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि कालेधन पर कार्रवाई ने कांग्रेस की कमर तोड़ दी है।
अल्पमत विपक्ष सवा सौ करोड़ लोगों की बहुमत से चुनी सरकार को सदन में काम नहीं करने दे रहा। इससे देश का विकास प्रभावित हो रहा है। भाजपा नेता ने कहा कि राहुल गांधी की कांग्रेस पार्टी जब सत्ता में थी तब घोटालों से घिरे होने के चलते वे सदन चर्चा से भागते थे। अब विपक्ष में हैं तब भी चर्चा से भाग रहे हैं। सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन सदन को कौन बाधित कर रहा है, यह पूरा देश देख रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के 10 साल के शासन में ही 12 लाख करोड़ रुपये के घोटाले सामने आए। श्रीकांत शर्मा ने कहा कि कालेधन के खिलाफ इतने बड़े कदम से देश की जनता को जो परेशानी हो रही है उसके हल भी खोजे जा रहे हैं और डिजिटल इंडिया बनाने के लिए घोषणाएं भी की जा रही हैं। लोग पूरे धैर्य से सरकार का साथ भी दे हे हैं। जबकि कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दल कालेधन से लड़ाई पर काला दिवस मना रहे हैं। विपक्ष की ओर से कालेधन पर कार्रवाई, जालीनोट और कैशलेश इकॉनमी में जनता को उलझाने के आरोप लगाये जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि नोटबंदी के फैसले की एक बड़ी वजह देश की अर्थव्यवस्था में जाली नोटों की बड़ी मात्रा का होना भी था। नोटबंदी के बाद कश्मीर में पत्थर फेंकने की घटनाओं में कमी आई। उन्होंने दावा किया कि कैशलेश इकॉनमी से कर राजस्व बढ़ेगा।
नोटबंदी से पहले ही बैंकों में काफी रकम पहुंच चुकी है। यह पैसा गरीबों पर ही सबसे ज्यादा खर्च होगा। भाजपा नेता ने कहा कि मोदी सरकार के इस साहसिक और ऐतिहासिक निर्णय के बाद वोट और नोट की राजनीति करने वाली राजनीतिक पार्टियों की कमर टूट गयी है। आठ नवंबर के बाद इन पार्टियों के नेता बौखला गए हैं और उल जलूल बयानबाजी कर रहे हैं। कालेधन पर प्रहार की सबसे ज्यादा चोट इन दलों के नेताओं को लगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के नोटबंदी के साहसिक निर्णय से सवा अरब भारतीयों का भरोसा नहीं टूटा है जैसा कि विपक्षी पार्टी दावा कर रही हैं बल्कि सवा सौ साल पुरानी कांग्रेस पार्टी का आत्मविश्वास तहस-नहस हो गया है। शर्मा ने कहा कि संप्रग के दस साल के कुशासन में टूजी, सीडब्ल्यूजी और कोयला घोटाले जैसे अनगिनत घोटालों में लिप्त जिन नेताओं ने जो अरबों रुपये नकदी अपनी तिजोरियों में जमा की थी वह खाक हो गयी है। ऐसे भ्रष्ट नेताओं पर से लोगों का भरोसा टूटा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते भी गरीबों का मजाक उड़ाया और आज विपक्ष में रहते हुए भी गरीबी का मखौल उड़ा रही है। मोदी सरकार का नोटबंदी का फैसला गरीब, किसान और मजदूरों की आने वाली पीढ़ियों के लिए सुखदायी है जबकि यह भ्रष्टाचार का पोषण करने वाली कांग्रेस जैसी पार्टियों के लिए विशाल त्रासदी है।