बिलासपुर, उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर ने कहा है कि आज भी न्यायपालिका पर लोगों की आस्था है और इसे बरक़रार रखने के लिए न्यायाधीशों को ईमानदार बने रहना होगा साथ ही अपने मातहतों को भी ईमानदार बनाए रखना होगा ।
न्यायमूर्त्ति ठाकुर ने आज यहां छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में आयोजित राज्य न्यायिक अधिकारी अकादमी के एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में देश के न्यायालयों में लगभग तीन करोड़ मामले लंबित हैं जिसका कारण देश में न्यायाधीशों की कमी होना है ।
उन्होंने कहा कि जहां 40 हजार न्यायाधीश होने चाहिए वहां मात्र 18 हजार न्यायाधीश ही हैं और यह कमी बनी रही तो कुछ वर्षों में लंबित मामलों की संख्या पांच करोड़ तक पहुंच जायेगी जिसमें से एक करोड़ मामले उच्चतम न्यायालय में ही लंबित हो सकते हैं ।
मुख्य न्यायाधीश ने न्यायिक अधिकारियों को सलाह दी कि उन्हें अपने फैसले अंग्रेजी में भी लिखना चाहिए क्योंकि कई मामलों के फैसले होने के बाद वह ऊपरी अदालतों तक पहुचते हैं जहां अंग्रेजी में काम होता है इसलिए फैसले हिंदी के साथ अंग्रेजी में भी लिखना चाहिए ताकि प्रार्थी को सही न्याय दिलाने में ऊपरी अदालत को सहूलियत हो।
इससे पहले न्यायमूर्ति ठाकुर को गॉड ऑफ़ आनर दिया गया । इसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय भवन का निरीक्षण भी किया । कार्यक्रम में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश अभय मनोहर सप्रे एछत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक गुप्ता सहित उच्च न्यायालय के सभी न्यायाधीश और राज्य के न्यायिक अधिकारी शामिल हुए ।