नई दिल्ली, न्यायाधीशों की नियुक्ति मामले में उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के अंतरविरोध पर राजनीति शुरू हो गई है। पूर्व कानून मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने कहा कि देश में न्यायाधीशों के रिक्त पदों को भरने की जिम्मेदारी कानून मंत्री की है।
उन्होंने कहा कि रविशंकर प्रसाद कानून मंत्री की तरह नहीं बल्कि भाजपा महासचिव की तरह काम कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के अखिल भारतीय सम्मेलन में उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर ने उच्च न्यायालयों और न्यायाधिकरणों में न्यायाधीशों की कमी का मुद्दा उठाते हुए सरकार पर निशाना साधा था। इस पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तल्ख लहजे में इनकार करते हुए कहा था कि सरकार ने इस साल रिकॉर्ड जजों की नियुक्ति की है।