वॉशिंगटन, अमेरिका में रहने वाली वरिष्ठ पत्रकार पल्लवी गोगोई ने पूर्व संपादक और मौजूदा भाजपा सांसद एम. जे. अकबर पर बलात्कार का आरोप लगाया है। गोगोई का आरोप है कि भारत में ‘‘दिग्गज पत्रकार’’ अकबर के मातहत काम करने के दौरान उन्होंने उनसे बलात्कार किया। इस बीच, पूर्व केंद्रीय मंत्री अकबर ने दावा किया कि गोगोई से कई महीने तक रहे उनके संबंध ‘‘सहमति से बनाए गए’’ थे और ‘‘शायद इसका अंत अच्छा नहीं हुआ। गौरतलब है कि भारत में ‘मी टू’ मुहिम के तहत कई महिलाओं की ओर से लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप के बाद पिछले दिनों अकबर (67) को केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
अकबर ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली एक महिला पत्रकार के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस भी किया है। अमेरिकी अखबार ‘दि वॉशिंगटन पोस्ट’ में लिखे गए आलेख में गोगोई ने अकबर पर बलात्कार का आरोप लगाया। यह आलेख प्रकाशित होने के बाद भाजपा नेता अकबर ने एक बयान में कहा, ‘‘साल 1994 के आसपास पल्लवी गोगोई और मेरे बीच आपसी सहमति से संबंध बने जो कई महीने तक रहे। एक अलग बयान में अकबर की पत्नी मल्लिका अकबर ने भी गोगोई के आरोप को ‘‘झूठ’’ करार दिया वॉशिंगटन स्थित अमेरिकी मीडिया संगठन नेशनल पब्लिक रेडियो (एनपीआर) में मुख्य व्यापार संपादक गोगोई ने अपने आलेख में अपनी जिंदगी की ‘‘सबसे दर्दनाक याद’’ का ब्योरा दिया है।
उन्होंने कहा कि घटना के समय ‘एशियन एज’ अखबार के प्रधान संपादक रहे अकबर एक ‘‘दिग्गज पत्रकार’’ थे, लेकिन उन्होंने ‘‘अपने पद का इस्तेमाल शिकार के लिए किया। गोगोई ने कहा, ‘‘मैं जो साझा करने वाली हूं वह मेरी जिंदगी की सबसे दर्दनाक याद है। मैंने 23 साल तक इन्हें दबाकर रखा। उन्होंने आलेख में बताया है कि ‘एशियन एज’ अखबार में काम करने के दौरान अकबर ने सालों तक कैसे उन्हें शारीरिक और मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया। गोगोई ने बताया कि जब उन्होंने एशियन एज में काम करना शुरू किया तब उनकी उम्र 22 साल थी। वह अकबर के व्यक्तित्व से प्रभावित थीं। उनकी भाषा, मुहावरों का इस्तेमाल करने के उनके तरीके से प्रभावित थीं और इसलिए उन्होंने सभी अपशब्द सहे। उन्होंने कहा कि वह 23 साल की उम्र में ओप-एड पन्ने की संपादक बन गईं जो इतनी कम उम्र में एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी।
पत्रकार ने आरोप लगाया, ‘‘लेकिन मुझे अपनी पसंदीदा नौकरी के लिए जल्द ही बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। यह 1994 की गर्मियों का वक्त रहा होगा और मैं उनके ऑफिस में गई। उनका दरवाजा अक्सर बंद रहता था। मैं उन्हें ओप-एड पन्ना दिखाने गई जो मैंने बनाया था। उन्होंने मेरी कोशिश की सराहना की और अचानक मुझे चूमने के लिए झपट पड़े। मैं लड़खड़ा गई। मैं ऑफिस से बाहर निकल आई। मेरा चेहरा लाल था। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। मैं शर्मिंदा और बहुत टूटा हुआ महसूस कर रही थी। उन्होंने दावा किया कि इसके कुछ महीने बाद दूसरी घटना हुई जब उन्हें एक मैगजीन शुरू करने में मदद के लिए मुंबई बुलाया गया। गोगोई ने लिखा है, ‘‘उन्होंने लेआउट देखने के लिए एक बार फिर मुझे ताज होटल के अपने कमरे में बुलाया। जब वह दोबारा मुझे चूमने के लिए मेरे करीब आए तो मैंने उन्हें पीछे धकेल दिया। जैसे ही मैं भागी उन्होंने मेरे चेहरे को खरोंच दिया, मेरी आंखों से आंसू बह रहे थे। उस शाम मैंने अपनी एक दोस्त को बताया कि मैं होटल में गिर गई थी जिससे मुझे खरोंचें आई।’’
उन्होंने बताया कि जब वह दिल्ली वापस आईं तो अकबर ने उन्हें धमकी दी कि अगर उन्होंने दोबारा रोका तो वह नौकरी से निकाल देंगे। हालांकि, गोगोई ने अखबार नहीं छोड़ा। गोगोई ने दावा किया कि एक खबर के सिलसिले में वह जयपुर गई। जब वह वापस आने लगीं तो अकबर ने कहा कि वह जयपुर में उनके होटल में अपनी खबर पर चर्चा करने के लिए आ सकती हैं। उन्होंने बताया, ‘‘उनके होटल के कमरे में मैंने विरोध किया लेकिन वह शारीरिक रूप से अधिक शक्तिशाली थे। उन्होंने मेरे कपड़े फाड़ दिए और मेरा बलात्कार किया। गोगोई ने लिखा कि पुलिस में शिकायत करने की बजाय वह शर्म महसूस कर रही थीं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने तब इसके बारे में किसी को नहीं बताया। क्या कोई मुझ पर यकीन करता? मैंने अपने आप को जिम्मेदार ठहराया।’’
गोगोई ने दावा किया कि इसके बाद उन पर अकबर की पकड़ मजबूत होती गई। कुछ महीने तक वह उनका शारीरिक और भावनात्मक शोषण करते रहे और उनसे अभद्र भाषा में बात करते रहे। जब वह उन्हें किसी पुरुष सहकर्मी से बात करते हुए देखते तो न्यूजरूम में उस पर चिल्ला पड़ते। यह सब भयानक था। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आज बता नहीं सकती कि कैसे और क्यों मेरे ऊपर उन्होंने ताकत आजमाई, क्यों मैंने सहा। इसलिए कि मुझे अपनी नौकरी खोने का डर था? मुझे बस इतना पता है कि उस समय मैं अपने आप से नफरत करती थी और मैं हर रोज थोड़ा-थोड़ा मर रही थी। गोगोई ने बताया कि उन्हें ऐसे ही असाइनमेंट मिलते रहे जिनमें उन्हें दूर जाना पड़ता था। उन्होंने 1994 के चुनावों की कवरेज को याद करते हुए लिखा कि अकबर ने उनसे कहा कि उनके बेहतरीन काम के लिए उन्हें अमेरिका या ब्रिटेन भेजा जाएगा।
महिला पत्रकार ने कहा, ‘‘मुझे लगा आखिरकार मेरा शोषण रुक जाएगा क्योंकि मैं दिल्ली ऑफिस से बहुत दूर रहूंगी। बल्कि सच यह था कि वह मुझे दूर इसलिए भेज रहे थे ताकि मैं कोई विरोध ना कर सकूं और वह जब भी शहर में आएं तो मेरा यौन शोषण कर सकें।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि एक बार अकबर ने लंदन ऑफिस में उनके साथ काम किया। वहां जब उन्होंने एक पुरुष सहकर्मी से उसे बात करते हुए देखा तो उन्हें मारा और अपने डेस्क से उठाकर चीजें उनपर फेंकी। कैंची या जो भी उनके हाथ में आया वह उनपर देकर मारा। वह भाग गईं और हाइड पार्क में छिप गईं। अकबर ने उन्हें वापस मुंबई बुलाया जिसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और न्यूयॉर्क में डाउ जोन्स में नौकरी शुरू की। गोगोई के आरोपों पर अकबर ने कहा कि उनके साथ काम कर चुके कई लोग जानते हैं कि गोगोई के साथ मेरे रिश्ते थे और उसके बर्ताव से उनमें से कभी किसी को यह नहीं लगा कि वह किसी दबाव में काम कर रही थी।
अकबर ने कहा, ‘‘(गोगोई के साथ) इस रिश्ते को लेकर बातें होने लगीं और बाद में मेरे घर में भी इस पर कलह हुई। आपसी सहमति से बने इस रिश्ते का अंत हो गया, लेकिन अंत शायद अच्छा नहीं रहा। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ हफ्तों में मुझ पर गलत और मनगढ़त आरोपों की बाढ़ सी आ गई है, जिन पर मैं अब जवाब दे रहा हूं। अपने बयान में अकबर की पत्नी मल्लिका ने कबूल किया कि उन्हें उनके पति और गोगोई के रिश्तों के बारे में पता था और इस रिश्ते के कारण घर में कलह का माहौल बन गया था।
गोगोई ने एक ट्वीट कर उन पत्रकारों का शुक्रिया अदा किया जिन्होंने उनसे पहले अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए। अपने आलेख में गोगोई ने लिखा, ‘‘आज मैं अमेरिकी नागरिक हूं। मैं एक पत्नी और मां हूं। मैंने टुकड़ों-टुकड़ों में अपनी जिंदगी समेटी। मेरी अपनी मेहतन, लगन और प्रतिभा मुझे बिजनेस वीक, यूएसए टूडे, एसोसिएटेड प्रेस और सीएनएन लेकर गई। आज, मैं नेशनल पब्लिक रेडियो में लीडर हूं। मैं जानती हूं कि मुझे नौकरी पाने और सफल होने के लिए शोषण नहीं सहना है।’’
गोगोई ने कहा, ‘‘इतने वर्षों में, मैंने अकबर के बारे में बात नहीं की। मुझे हमेशा लगा कि अकबर कानून से ऊपर है और उन पर कानून लागू नहीं होता। मुझे लगा कि उन्होंने जो मेरे साथ किया उसे उसकी कीमत कभी नहीं चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि अकबर ने इन आरोपों को ‘‘निराधार और झूठा’’ बताया है और उनके खिलाफ बोलने वाली एक पत्रकार पर मुकदमा दायर किया है। गोगोई ने कहा, ‘‘मुझे इससे हैरानी नहीं होती। वह सोचते हैं कि उन्हें आज ‘सच’ की अपनी कहानी सुनाने का अधिकार है, जैसे उन्हें उस समय लगता था कि उनका हमारे शरीर पर अधिकार है।’’