नई दिल्ली, खुफिया एजेंसियों का मानना है कि माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम ने करोड़ों रुपये अवैध तरीके से विदेश भेजे हैं। उनकी इस शंका का पनामा लीक्स के दस्तावेज भी तसदीक करते हैं। इनके मुताबिक दाऊद के पैसे को भेजने का काम उसका सहयोगी इकबाल मिर्ची करता था और इसके लिए उसने 17 कंपनियों की मदद ली थी।
रिपोर्ट के मुताबिक दाऊद का सहयोगी मिर्ची विदेशों में संपत्ति खरीदने के लिए ऑफशोर कंपनियों का इस्तेमाल करता था। उसने 17 ऑफशोर कंपनियों के जरिये साइप्रस, तुर्की, मोरक्को और स्पेन जैसे देशों में अरबों रुपये की संपत्ति खरीदी। पनामा लीक्स की ओर से जारी दस्तावेजों के मुताबिक मिर्ची ने 2005 में डेट्स फाउंडेशन के नाम से कंपनी बनाई और उसका कर्ताधर्ता अपने साले अकबर आसिफ उर्फ बाबा आसिफ को बनाया। वहीं एक अन्य कंपनी उसने 2010 में बनाई थी, जिसमें उसकी पहली पत्नी हाजरा इकबाल मेमन और दोनों बेटे हिस्सेदार थे। इसके अलावा भी उसने अपने कालेकारोबार के लिए रावेल फाइनेंस एंड होल्डिंग लिमिटेड, लसकॉम्बो लिमिटेड, ओरिएंटल टे्रडिंग लिमिटेड, मासूम लिमिटेड,हकशॉट नाम से भी कंपनियां स्थापित की। गौरतलब है कि मिर्ची की वर्ष 2013 में दिल का दौरा पड़ने से लंदन में मौत हो गई थी।
इनके नाम भी आए सामने: नेता अनुराग केजरीवाल, उद्योगपति गौतम और करण थापर, व्यवसायी रंजीव दहुजा और कपिल सेन गोयल, आभूषण व्यवसायी अश्विनी कुमार मेहरा, पूर्व क्रिकेटर अशोक मल्होत्रा, दवा व्यवसायी विनोद रामचंद्र जाधव,सूचना प्रौद्योगिकी सलाहकार गौतम सींगल, कृषि व्यवसायी विवेक जैन, सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी प्रभाष सांखला और वस्त्र निर्यातक सतीश गोविंद समतानी, विशाल बहादुर और हरीश मोहनानी।
जांच में अडंगा डालने का आरोप: पनामा लीक्स में जिनके नाम आए हैं उन्हें कपंनी बनाने में मोसेक फोंसिका ने मदद की थी। आरोप है कि मोसैक फोंसिका इस मुद्दे को दबाने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए। वह जांच प्रभावित करने का हर संभव प्रयास कर रही है। वहीं कुछ मामलों में में खुद भारतीय प्रशासन ने लचर नीति अपनाई है।