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परंपरागत कारीगरों को आधुनिकता से जोड़ेने वाली है पीएम विश्वकर्मा योजना: CM योगी

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि विश्वकर्मा दिवस पर प्रधानमंत्री द्वारा देश समर्पित की गयी पीएम विश्वकर्मा योजना के माध्यम से इस क्षेत्र से जुड़े 18 परंपरागत व्यवसायों को आधुनिक तकनीक और डिजाइन से जोड़ने का काम किया जायेगा।

इस अवसर पर प्रदेश की राजधानी में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज सृष्टि के शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की जयन्ती तथा नए भारत के शिल्पी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्मदिन है। यह महज संयोग नहीं है, बल्कि देवयोग से एक ही तिथि दोनों के साथ जुड़ती है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को भगवान विश्वकर्मा जयंती की बधाई दी तथा प्रधानमंत्री को जन्म दिवस की बधाई दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 09 वर्षों में हमनें बदलते भारत को देखा है। भारत अपने 140 करोड़ नागरिकों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतीक बनकर दुनिया की महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। आज भारत दुनिया व सम्पूर्ण मानवता के लिए आशा की नई किरण है। हाल ही में सम्पन्न जी-20 समिट के माध्यम से वैश्विक स्तर पर भारत की ताकत का एहसास दुनिया ने किया है। प्रधानमंत्री के यशस्वी नेतृत्व का लोहा आज दुनिया मान रही है।

उन्होंने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना के माध्यम से हस्तशिल्पियों और कारीगरों को प्रोत्साहन देने तथा उनके मनोबल को बढ़ाकर आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को नई ऊंचाई तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा।यह योजना परम्परागत हस्तशिल्पियों और कारीगरों को नई तकनीक और नई डिजाइन के साथ जोड़ने के लिए शुरू की जा रही है।

इस अवसर पर मौजूद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत एक समय सोने की चिड़िया था। एक देश के रूप में हम आत्मनिर्भर थे। हम अपने साथ ही, दुनिया की आवश्यकताओं को भी पूरा करते थे। इसका महत्वपूर्ण कारण हमारे कारीगर व शिल्पकार थे। आज के कारीगरों, शिल्पकारों तथा कामगारों के पूर्वजों ने ही भारत को सोने की चिड़िया बनाया था, लेकिन आजादी के बाद उनके काम को महत्व नहीं दिया गया। जो भारत अपने हस्तशिल्पियों तथा कारीगरों की वजह से सम्पन्न था, उसी देश में उन्हें भारत का अतीत कहा जाने लगा था।

रक्षा मंत्री ने कहा “ वर्ष 2014 में श्री मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद हमारी सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि भारत की इस महान विरासत व परम्परा को समृद्ध बनाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किये जाएंगे। बड़े उद्योगों का अपना महत्व है। वह देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री का यह मानना है कि हमारे लघु उद्योगों पर ध्यान दिये बिना देश आगे नहीं बढ़ सकता। हमारी सरकार ने दोनों के विकास पर ध्यान दिया है। अब भारत के हस्तशिल्पियों व कारीगरों के कार्य को भारत के अतीत के रूप में नहीं, बल्कि भारत के भविष्य के रूप में देखा जाएगा।”