इटावा, चंबल की बदनाम छवि को बदलने के इरादे से उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार में बीहडो में स्थापित कराई गई इटावा सफारी पार्क को पर्यटकों के लिए जल्द खोलने के उद्देश्य से सफारी प्रशासन लगातार तैयारियों में जुटा है । इटावा सफारी पार्क के निदेशक वी.के.सिंह ने लखनऊ में हुई बैठक में लिये गये अहम निर्णय की पुष्टि करते हुए बताया कि मंगलवार को हुई गवर्निंग बाॅडी की बैठक में सफारी पर छह करोड़ रुपए खर्च करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई । इसके साथ ही 16 अगस्त से 22 अगस्त के बीच गुजरात से सफारी में शेर लाने के प्रस्ताव पर भी सहमति बनी ।
इस बैठक के बाद संभावना बनी है कि सफारी को जल्द से जल्द पर्यटकों के लिए खोला जाएगा । इस बीच सफारी के डाक्टरों ने हाल में ही बच्चों को जन्म देने वाली मादा शेरनी जेसिका के तीन बच्चों का परीक्षण किया । इनमें दो मादा बच्चों के अलावा एक शेर शावक की पुष्टि की गई । गुजरात से इटावा सफारी पार्क के निदेशक वी.के.सिंह ने बताया कि इटावा सफारी पार्क शेरो को लाये जाने को लेकर उत्तर प्रदेश और गुजरात सरकार के बीच पहले ही सहमति बन गई थी । गुजरात से जिन शेरों को लाया जाना है उनमें पांच मादा और तीन नर शेर शामिल हैं ।
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष ही उत्तर प्रदेश और गुजरात की सरकार के बीच शेरों को लेकर सहमति बन गई थी। शुरूआती दौर में 11 शेर दिए जाने की बात हुई थी, लेकिन बाद में 8 शेर दिए जाने पर सहमति बनी है।
इन्हें लाए जाने के लिए काफी समय से प्रयास किया जा रहा है लेकिन अलग-अलग परिस्थितियों के चलते फिलहाल इन्हें इटावा नहीं लाया जा सका। अब गुजरात सरकार ने इन शेरों को कागजी तौर पर इटावा सफारी को सौंप दिया है। इसके लिए सफारी के डायरेक्टर वी.के.सिंह खास तौर पर गुजरात गए थे। सफारी में शेरों की देखरेख करने वाले चार कीपरों को पहले ही गुजरात भेजा जा चुका है, जो वहीं रहकर इन शेरों की देखरेख करेंगे। हालांकि पिछले महीने सफारी की एक टीम इन शेरों को लेने के लिए गुजरात रवाना हुई थी लेकिन भीषण गर्मी के चलते इस टीम को बीच रास्ते से ही वापस बुला लिया गया था । बाद में शेरों को एयर लिफ्ट कराने की अनुमति मांगी गई थी जो अभी तक नहीं मिली है। समझा जाता है कि जल्द ही शेरों को सड़क मार्ग से ही यहां सफारी में लाया जाएगा।
देश दुनिया मे पहचान पा चुके इटावा सफारी पार्क का लोकार्पण बिना तामझाम के किये जाने पर सवाल भी उठ चुके है। जिस प्रोजेक्ट की तारीफ करते हुए विदेशी नहीं थकते है । उसका शुभांरभ इतना फीका किया जायेगा इसकी किसी को भी उम्मीद नही थी खुद । इटावा सफारी पार्क के निर्माण पर 324 करोड़ रुपए खर्च आई हुई है जिसमे लायन सफारी के साथ ही डीयर सफारी, एंटीलोप सफारी, भालू सफारी व लैपर्ड सफारी बनाई गई है। इसके साथ ही फेसलटीज सेंटर भी बनाया गया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी मुख्यमंत्री योगी आत्यिनाथ से कई दफा गुहार लगा चुके है कि इटावा सफारी पार्क जब पूरी तरह से तैयार हो चला है तो फिर इसको आम लोगो के लिए खोलने मे क्या कठिनाई है ।
सफारी पार्क की भव्यता की तारीफ योगी सरकार के अधिकाधिक मंत्री और जनप्रतिनिधि करते आये है लेकिन किसी की भी हिम्मत इसके शुभारंभ करने की दिशा मे सरकार से पहल नही करा सके ।हिंदुस्तान में गिर के बाद एशियाटिक लायन का एक दूसरा ऐसा स्थान इटावा सफारी पार्क ही है जहां पर एशियाटिक लायन की संख्या बढ़ाने का काम किया जा रहा है । हकीकत में इटावा सफारी पार्क लायन सफारी के नाम से प्रजनन केंद्र की स्थापना की गई है ।