नई दिल्ली, सभी विद्यालयों और महाविद्यालयों में पर्यावरण विज्ञान को अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाने का आदेश जारी किया गया है।
मानव संसाधन विकास मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने लोकसभा में आज एक सवाल के लिखित उत्तर में बताया कि सभी विद्यालयों और महाविद्यालयों में पर्यावरण विज्ञान को अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाने का आदेश जारी किया गया है। उन्होंने साथ ही बताया कि उच्चतम न्यायालय ने 22 नवंबर 1991 को अपने निर्णय में निर्देश दिया था कि शिक्षा के माध्यम से पर्यावरण जागरूकता और प्रदूषण से संबंधित पर्यावरण समस्याओं को एक अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत के निर्देशों के अनुसार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने विवि में अवर स्नातक स्तर पर पर्यावरण अध्ययन को कार्यान्वित करने के लिए छह महीने का माड्यूल तैयार किया था। यूजीसी द्वारा पर्यावरण अध्ययन पाठ्यक्रम को लागू करने के संबंध में समय समय पर विवि को स्मरण भी करवाया जाता है। उन्होंने बताया कि शीर्ष अदालत ने 16 सितंबर 2016 के अपने अनुवर्ती आदेश में सरकार को अपने 22 नवंबर 1991 के पहले के आदेश में निहित निर्देश को लागू करने के लिए एक प्रमुख समिति स्थापित करने का निर्देश दिया था। इन्हीं निर्देशों के अनुरूप मानव संसाधन विकास मंत्रालय, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और यूजीसी के वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल करते हुए एक आंतरिक समिति का गठन किया गया है।