पिछड़ा वर्ग आयोग को मिलेगा संवैधानिक दर्जा मिलने की, अपना दल ने जतायी उम्मीद
January 30, 2018
मथुरा, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक अपना दल को उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की खाली सीटें भर जाने के बाद राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग काे संवैधानिक दर्जा दिलाने का काम आसान हो जाएगा।
अपना दल के प्रवक्ता अरविन्द शर्मा ने पत्रकारों से कहा कि पिछड़ा वर्ग आयोग के मामले में बिल लोकसभा में पारित होने के बावजूद राज्य सभा में अभी तक इसलिए पारित नही हो पाया था कि वहां पर सरकार का पूर्ण बहुमत नही था। राज्यसभा में पारित होने एवं उसे संवैधानिक दर्जा मिलने के बाद पिछड़े वर्ग के लोगों को किये गए वायदों को पूरा करना आसान हो जाएगा। उन्होने बताया कि अपना दल इसे संवैधानिक दर्जा दिलाने की मुहिम काफी लम्बे समय चला रहा है।
प्रदेश की खराब कानून व्यवस्था का कारण पूछने पर उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में भ्रष्टाचार थाने तक पहुंच गया था। अपराधियों तथा पुलिस का गठजोड़ बन गया था। इसे काफी हद तक तोड़ा जा चुका हैए अब सुधार लाने के लिए आमूलचूल परिवर्तन किया जा रहा है। कासगंज के दंगे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि इसमें कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही स्थिति पर पूरी तरह से काबू पा लिया जाएगा।
प्रदेश प्रवक्ता शर्मा ने कहा कि ऋण माफी का लाभ किसानों को न मिलने के आरोप बेबुनियाद है। बैंकों से बकायेदारों की लिस्ट लेकर एक लाख रुपये तक के कर्जे का भुगतान किसान के खाते में किया गया है। इसका सबसे अधिक लाभ ठेके पर खेती करने वाले किसान को मिला है। पूंजीवादी मानसिकता के लोग इससे खुश नही है क्योंकि उस व्यवस्था में बंदरबांट करना आसान था।
उन्होंने कहा कि अभी तक की व्यवस्था थी कि किसानों के इस साल के गन्ने का भुगतान अगले पेराई सीजन में मिलता था जिससे किसान साहूकारों के चगुल में फंसकर सदैव कर्जदार बना रहता था। भुगतान किसाने के खाते में डालना भी आवश्यक कर दिया गया है। उन्होेंने कहा कि सरकार ने मंडी के संचालन में बिचैलियों को एक प्रकार से खत्म कर दिया हैे इसका सीधा लाभ किसान को मिल रहा है। शर्मा का कहना था कि सरकार ठेके की खेती के नियमों में परिवर्तन करने जा रही है। सरकार का प्रयास है कि आलू का समर्थन मूल्य और बाजार की कीमत में अधिक अंतर न हो।
उन्होंने कहा कि 21 एवं 22 फरवरी को लखनऊ में होने जा रही यूपी इन्वेस्टमेन्ट समिट में इस बार प्रदेश कोे फार्मेसी का हब बनाने का प्रयास किया जायेगा। पिछली सरकारों की उदासीनता के कारण उत्तर प्रदेश के बहुत बड़े बाजार का लाभ नही मिल सका।