नई दिल्ली, नोटबंदी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिये एक बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री लोकतंत्र में यकीन रखते हैं तो उन्हें सम्राट की तरह व्यवहार करने की बजाय संसद में आना चाहिए और बहस में भाग लेना चाहिए तथा नोटबंदी पर विपक्ष की चिंताओं पर जवाब देना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकाजरुन खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि ब्लैकमेल करने की जरूरत नहीं है, डराने की जरूरत नहीं है। लोकसभा चुनाव में 52 करोड़ लोगों ने वोट डाला था और भाजपा को केवल 17 करोड़ लोगों के वोट मिले थे। उन्होंने कहा, आप यह समझ रहे हैं कि आप सम्राट हैं, और सम्राट के कहे अनुसार देश चलेगा। यह ठीक नहीं है।
खड़गे ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, अगर प्रधानमंत्री लोकतंत्र में यकीन रखते हैं तो उन्हें संसद में आना चाहिए और बहस में भाग लेना चाहिए एवं नोटबंदी पर विपक्ष की चिंताओं पर जवाब देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी और सरकार संसद में नोटबंदी पर चर्चा ही नहीं करना चाहते हैं जिस फैसले के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और इसके कारण बैंकों एवं एटीएम की कतारों में 70 लोगों की मौत हो चुकी है। कांग्रेस नेता ने कहा कि हम आम लोगों, गरीबों, छात्रों, महिलाओं, किसानों की परेशानियों और तकलीफों की बात करते हैं तो कहा जाता है कि हम कालेधन के समर्थक हैं। प्रधानमंत्री इस तरह के गलत आरोप लगाना बंद करें और संसद में आकर बोलें। खड़गे ने आरोप लगाया कि बड़े नोटों को अमान्य करने के फैसले को चुनिंदा तरीके से लीक किया गया है और कालेधन की आड़ में सरकार अपने लोगों को मजबूत कर रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक पुस्तक विमोचन समारोह में कहा कि नोटबंदी के ऐलान से पहले सरकार की तैयारी नहीं होने की आलोचना करने वाले लोगों की पीड़ा यह है कि उन्हें खुद तैयारी का मौका नहीं मिला। प्रधानमंत्री पर हमला जारी रखते हुए खड़गे ने कहा कि आप अपने लोगों की चिंता करें जो कालाधन छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। जिस ढंग से एक राज्य में जमीन की खरीदारी की गई है, यह उसका उदाहरण है। संसद में इन्हीं चीजों को हम उठाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम इन विषयों को उठाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन हमें मौका नहीं दिया गया। हमने स्पीकर से भी विनती की लेकिन हमें अवसर नहीं मिला। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री बाहर बोल रहे हैं, वह सदन में नहीं बोल रहे हैं। अगर लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं तो सदन में बोलें। संसद में चर्चा करना ही तो लोकतंत्र का हिस्सा है। लेकिन हर चीज की घोषणा बाहर हो रही है। सदन की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि हम सदन में चर्चा चाहते हैं। हम उन्हें बताना चाहते हैं कि उनकी गलती क्या है? देश को क्या नुकसान हुआ है? लेकिन वे सदन में चर्चा नहीं कर रहे और बाहर आरोप लगा रहे हैं। उनकी नीति मारो और भागो की है। यह ठीक नहीं है।