क्या आप भी हैं लटकते पेट से परेसान। तो आइए जानिये कैसे अपने लटकते पेट से छुटकारा पाएं और एक फिट खुबसूरत टम्मी पाएं। शरीर पर अधिक चर्बी बढ़ने से पेट बाहर निकल आता है अगर अभी ये काबू ना की तो बाद में एक गंभीर समस्या बन जायेगी मोटापा का प्रमुख कारण काम कम करना और जंग फूड का सेबन करना शामिल है। अपनी जीवनशैली को सुधार कर, नियमित खाने में वसा कम कर आप आसानी से अपने पेट के आसपास की चर्बी को खत्मक कर सकते हैं।
कुछ प्राकृतिक चीजें ऐसी हैं, जिनके सेवन से वजन नियंत्रित रहता है। इसीलिए यदि आप वजन कम करने के लिए बहुत मेहनत नहीं कर पाते हैं तो अपनाएं आगे बताए गए छोटे-छोटे उपाय। ये आपके बढ़ते वजन को कम कर देंगे। अगर ये आपको इतना अजीब लगता है तो बेडौल शरीर वाले उसे शख्स को खुद कितना बुरा लगता होगा. कई बार ये बेडौल पेट लोगों के बीच इंबैरेसमेंट की वजह भी बन जाता है।
ज्यादा कार्बोहाइड्रेट वाली वस्तुओं से परहेज करें। शक्कर, आलू और चावल में अधिक कार्बोहाइड्रेट होता है। ये चर्बी बढ़ाते हैं।
केवल गेहूं के आटे की रोटी की बजाए गेहूं, सोयाबीन और चने के मिश्रित आटे की रोटी ज्यादा फायदेमंद है।
रोज पत्तागोभी का जूस पिएं। पत्तागोभी में चर्बी घटाने के गुण होते हैं। इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म सही रहता है।
पपीता नियमित रूप से खाएं। यह हर सीजन में मिल जाता है। लंबे समय तक पपीता के सेवन से कमर की अतिरिक्त चर्बी कम होती है।
दही का सेवन करने से शरीर की फालतू चर्बी घट जाती है। छाछ का भी सेवन दिन में दो-तीन बार करें।
छोटी पीपल का बारीक चूर्ण पीसकर उसे कपड़े से छान लें। यह चूर्ण तीन ग्राम रोजाना सुबह के समय छाछ के साथ लेने से बाहर निकला हुआ पेट अंदर हो जाता है।
आंवले व हल्दी को बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को छाछ के साथ लें। कमर एकदम पतली हो जाएगी।
एक चम्मच पुदीना रस को 2 चम्मच शहद में मिलाकर लेते रहने से मोटापा कम होता है।
सब्जियों और फलों में कैलोरी कम होती है, इसलिए इनका सेवन अधिक मात्रा में करें। केला और चीकू न खाएं। इनसे मोटापा बढ़ता है। पुदीने की चाय बनाकर पीने से मोटापा कम होता है।
खाने के साथ टमाटर और प्याज का सलाद काली मिर्च व नमक डालकर खाएं। इनसे शरीर को विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन के, आयरन, पोटैशियम, लाइकोपीन और ल्यूटिन मिलेगा। इन्हें खाने के बाद खाने से पेट जल्दी भर जाएगा और वजन नियंत्रित हो जाएगा।
सुबह उठते ही 250 ग्राम टमाटर का रस 2-3 महीने तक पीने से वसा में कमी होती है।