फिल्म पदमावत पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद, गुजरात सरकार के मंत्री का चौंकाने वाला बयान
January 25, 2018
गांधीनगर, गुजरात में पद्मावत विरोधी हिंसा पर नियंत्रण के मामले में राज्य सरकार पर ढुलमुल रवैया अपनाने के आरोपों के बीच राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री भूपेन्द्रसिंह चूडासमा ने आज कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से फिल्म से प्रतिबंध हटाने के निर्णय के बावजूद राज्य सरकार इस प्रकरण में जनभावना के साथ है।
स्वयं भी राजपूत समुदाय से संबंध रखने वाले चूडासमा ने इस फिल्म के विरोध में कल रात अहमदाबाद में हुई हिंसा ;जिसमें चार मॉल और सिनेमाघर के समक्ष 30 से अधिक दोपहिया वाहन जला दिये गये और तोड़फोड़ की गयी को नियंत्रण करने में विफलता के आरोपों का सामना कर रहे अपने ही समुदाय के गृह राज्य मंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा और गुजरात राज्य औद्योगिक विकास निगम के चेयरमैन बलवंतसिंह राजपूत के साथ राजपूत संगठनों के साथ यहां सर्किट हाऊस में बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि इस फिल्म में इतिहास को विकृत तरीके से पेश किया गया है जिससे न केवल राजपूत बल्कि संपूर्ण हिंदू समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। इसी के चलते गुजरात सरकार ने इसे दो दो बार प्रतिबंधित किया पर अदालत ने इस पर से रोक हटा दी। हालांकि राज्य में सिनेमा घर मालिकों ने इसे प्रदर्शित नहीं करने का स्वागत योग्य निर्णय लिया है।
यह पूछे जाने पर कि अदालत के फैसले के चलते सरकार क्या इसे रिलीज करने की इच्छा वाले किसी सिनेमाघर को सुरक्षा देगी, चूडासमा ने कोई सीधा जवाब नहीं देते हुए केवल यही कहा कि कोई सिनेमा घर ऐसा नहीं करेगा। उनसे यह पूछा गया कि सरकार किसके साथ है तो उनका कहना था कि यह जनभावना के साथ है जो इतिहास और संस्कृति से छेड़छाड़ के चलते आहत हुई है।
मंत्री ने यह भी दावा किया कि आज की बैठक में सभी राजपूत संगठनों ने गुजरात में शांति बनाये रखने के लिए कल पद्मावत फिल्म के रिलीज के मौके पर आयोजित बंद से अलग रहने का सर्वसम्मत फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि चूकि गुजरात में सिनेमा घर यह फिल्म प्रदर्शित ही नहीं करेंगे इसलिये यहां बंद अथवा विरोध का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने हालांकि बंद के दौरान हिंसा की घटनाओं की निंदा की और इसे राजपूत समाज को बदनाम करने की साजिश करार दिया।
उन्होंने कहा कि बैठक में करणी सेना, राष्ट्रीय करणी सेना, महाकाल सेना, अखिल गुजरात युवा संघ, र्ग्य सेना, राजपूत विद्या सभा और गुजरात क्षत्रिय सभा जैसे संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और सर्वसम्मति से कल के बंद से अलग रहने का फैसला किया।