कोलकाता, पश्चिम बंगाल के औद्योगिक क्षेत्र वाली सात लोकसभा सीटों पर 20 मई को होने वाले पांचवें चरण के लिए चुनाव के प्रचार अभियान शनिवार शाम छह बजे समाप्त हो जायेगा।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस चरण में 1.25 करोड़ से अधिक मतदाता राज्य के 88 उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला करने के लिए अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। मतदान में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की अब तक की सबसे अधिक लगभग 800 कंपनियां तैनात की गई हैं।
मतदाताओं में 61,72,034 महिलाएं और कुछ 348 ट्रांसजेंडर, तीन जिलों में फैले बंगाण (एससी), बैरकपुर, हावड़ा, उलुबेरिया, सेरामपुर, हुगली और आरामबाग निर्वाचन क्षेत्रों से सोमवार को अपने सात सांसदों को चुनेंगे। हुगली के सेरामपुर में सबसे अधिक 19,26,645 मतदाता हैं और बैरकपुर में सबसे कम 15,08,728 मतदाता हैं।
चुनाव सूत्रों ने आज बताया कि राज्य में पांचवें चरण के मतदान करने वाले 1,25,23,702 मतदाताओं में से कम से कम 571 लोग 100 वर्ष से अधिक उम्र के हैं और 80,775 लोग 85 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। उत्तर 24 परगना जिले के बैरकपुर और बोनगांव निर्वाचन क्षेत्र सबसे अधिक हिंसाग्रस्त क्षेत्र हैं यहां भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) का विशेष ध्यान है।
सभी जगह पर हालाँकि बहु-कोणीय मुकाबले हैं जबकि मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच है। मतदाताअें ने 2019 के चुनाव में वामपंथियों को पूरी तरह से नकार दिया और मुर्शिदाबाद और मालदा जिलों में कांग्रेस के एक-एक उम्मीदवारों को चुना। पांच साल पहले टीएमसी और भाजपा के बीच 22 और 18 सीटें साझा थीं।इस बार मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम दलों और कांग्रेस ने उन जगहों पर उम्मीदवार नहीं उतारकर एक-दूसरे का चुनावी समर्थन किया है जहां सबसे पुरानी पार्टी और कम्युनिस्टों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं।टीएमसी और भाजपा ने सभी सात उम्मीदवार, माकपा ने छह और कांग्रेस ने उलुबेरिया में उम्मीदवार उतारे।
ईसीआई का बोनगांव और बैरकपुर लोकसभा सीटों पर विशेष ध्यान है और सीएपीएफ की 799 कंपनियां तैनात की गई हैं, जबकि 25,000 से अधिक राज्य पुलिस स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करेगी। सीएपीएफ मतदान केंद्र की निगरानी करेगा और चौथे चरण में मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक आने से रोकने के लिए कई स्थानों पर बूथों के बाहर छिटपुट हिंसा के बाद इस बार त्वरित प्रतिक्रिया दल को मजबूत किया गया है।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी उम्मीदवारों के समर्थन में जोरदार चुनावी प्रचार किया और मतदाताओं को लुभाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,केन्द्रीय गृह मंत्री , भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, कई केंद्रीय मंत्री और असम, त्रिपुरा, राजस्थान के मुख्यमंत्री समेत कई महत्वपूर्ण हस्तियां चुनाव प्रचार के लिए आयीं। इसके अलावा, राज्य पार्टी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और नंदीग्राम विधायक सुवेंदु अधिकारी पार्टी उम्मीदवारों के लिए धुआंधार प्रचार कर रहे हैं। नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान ये दोनों नेता भी लगभग हर उम्मीदवार के साथ रहे।
सत्तारूढ़ टीएमसी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मतदाताओं को लुभाने के लिए लगभग सभी प्रयास कर रही हैं। सुश्री बनर्जी नागरिक संशोधन अधिनियम (सीएए) का भी पुरजोर विरोध कर रही हैं, जो चुनाव में प्रमुख मुद्दों में से एक बन गया है।
सुश्री बनर्जी के भतीजे एवं डायमंड हार्बर से उम्मीदवार अभिषेक बनर्जी भाजपा के गढ़ में से कुछ की तलाश के अलावा, सभी सीटों को बरकरार रखने के लिए जोरदार प्रचार अभियान कर रहे है।