बिहार मे शराबबंदी पर पुनर्विचार का सवाल ही नहीं उठता- नितीश कुमार

nitish_kumarपटना,  बिहार के  मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार ने  साफ कर दिया कि राज्य में शराबबंदी पर पुनर्विचार का सवाल ही नहीं उठता। इसके साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि शराब के किसी भी तरह के विक्रेता, चाहे वे थोक विक्रेता हों या खुदरा विक्रेता, के घाटे की भरपाई राज्य सरकार करेगी। सीएम ने साफ किया कि सरकार आर्थिक घाटे की चिंता न करते हुए इस पाबंदी से समाज पर पड़ने वाले सकारात्‍मक असर को लेकर बेहद उत्साहित है।

नीतीश ने दावा किया कि जब से राज्य में देसी और विदेशी शराब पर पाबंदी लगी है, गांवों और शहरों में न केवल झगड़ों में कमी आई है बल्कि अपराधिक घटनाओं में भी पुलिस विभाग ने कमी दर्ज की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के कारण ही तमिलनाडु में दोनों प्रमुख दलों को अपने घोषणापत्र में वादा करना पड़ा कि सरकार बनने के बाद वे भी मद्य निषेध की दिशा में कदम उठाएंगे। पड़ोसी राज्य झारखंड से बिहार में शराब की तस्करी की खबरों पर नीतीश ने कहा कि जल्द ही वे झारखंड का दौरा कर वहां की महिलाओं को शराबबंदी के बारे में जागरुक करेंगे और वहां की सरकार पर दबाब बनाने के लिए आंदोलन छेड़ने का आह्वान करेंगे।

पूर्ण शराबबंदी के किसी भी राज्य में सफल नहीं होने संबंधी आलोचकों की दलील पर नीतीश ने साफ कहा कि अगर आज से पहले यह कदम सफल नहीं हुआ तो राज्य सरकार हाथ पर हाथ धरे तो बैठी नहीं रहेगी।

एवरेस्ट की सफल चढ़ाई के पहले भी कई बार असफल प्रयास हुए, लेकिन एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नॉर्गे घर पर नहीं बैठे रहे बल्कि उन्होंने प्रयास किया और सफल रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्‍हें मालूम हैं कि शराब के व्‍यापार से होने वाले लाभ के कारण एक तबका इसे विफल करने का प्रयास करेगा लेकिन मेरी सरकार इस कोशिश को विफल कर देगी।

 

 

 

 

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