गुवाहाटी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ब्रह्मपुत्र नदी पर बने देश के सबसे लंबे धौला-सादिया पुल को देश को समर्पित किया। देश के सबसे लंबे पुल का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी असम के तिनसुकिया में जनता को संबोधित किया।

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 उन्होंने कहा कि पिछले पांच दशक से आप जिसका इंतजार कर रहे थे वो ब्रिज आपको मिल गया है। पीएम मोदी बोले की इससे समय और खर्च में बचत होगी। डीजत की बचत होने से रोजाना साामान्य नागरिकों का 10 लाख रुपये बच सकेंगे। उन्होंने कहा कि महापुरुष भूपेन हजारिका के नाम से ढोला-सादिया पुल पहचाना जाएगा।

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इससे पूर्व,  गुवाहाटी पहुंचने पर हवाई अड्डे पर, असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनवाल ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया।मोदी ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को उनकी सरकार के एक साल पूरा होने पर बधाई भी दी। प्रधानमंत्री के स्वागत मे कुछ अन्य बड़े मंत्री व नेता वहां मौजूद थे। 

उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनवाल ने पुल पर सफर कर इसका जायजा लिया।खास बात है कि प्रधानमंत्री मोदी प्रोटोकॉल को तोड़कर पुल पर पैदल ही चल दिए। असम से अरुणाचल को जोड़ने वाला यह पुल 9.15 किलोमीटर लंबा है। यह असम में तिनसुकिया जिले के ढोला तथा सदिया को जोड़ता है।

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 यह एशिया का सबसे लंबा पुल है। यह पुल दो राज्यों असम और अरुणाचल प्रदेश को आपस में जोड़ेगा। इस पुल पर भारी से भारी सामान ले जाना भी संभव होगा। पुल असम की राजधानी दिसपुर से 540 किलोमीटर दूर और अरुणाचल प्रदेश की राजधानी इटानगर से 300 किलोमीटर दूर है। यह पुल चीनी सीमा से हवाई दूरी 100 किलोमीटर से कम है।

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इस पुल का सबसे बड़ा लाभ भारतीय सेना को होगा। इस सीमा पर भारत की किबिथू, वालॉन्ग और चागलगाम सैन्य चौकियां हैं। सामरिक तौर पर भारत को लगातार घेरने की पूरी कोशिश कर रहे चीन के िलये करारा जवाब है। आपको बता दें कि चीन लगातार सीमा से सटे इलाकों में तेज़ी से सड़कें और अन्य निर्माण कर रहा है यह पुल उसके पलटवार माना जा रहा है। यह पुल 60 टन वजनी युद्धक टैंक का भार भी वहन करने में सक्षम है।

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