बिहार में 5वें और अंतिम फेज की वोटिंग आज होगी। जिन 9 जिलों में वोटिंग होनी है उनमें मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, मधेपुरा, सहरसा और दरंभगा शामिल हैं।
यह फेज लालू-नीतीश के लिए बीजेपी से ज्यादा अहम है। 2010 के चुनाव के रिजल्ट के मुताबिक यह फेज महागठबंधन के लिए बहुत अहम हैं। पिछले चुनाव में जेडीयू ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि सात सीटें आरजेडी के पास थीं। कांग्रेस को सिर्फ तीन सीटें मिली थीं। वहीं बीजेपी ने 21 सीट पर जीत दर्ज की थी। दो सीटें उसके वर्तमान सहयोगी एलजेपी को मिली थीं।
अंतिम दौर की वोटिंग से पहले बीजेपी के विज्ञापन को लेकर भी विवाद बढ़ गया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके साथियों के गोमांस खाने संबंधी बयानों पर स्पष्टीकरण मांगते हुए भाजपा की ओर से आज जारी विज्ञापन के बाद चुनाव आयोग ने कल राज्य में अंतिम चरण के मतदान के दिन अखबारों में राजनीतिक इश्तहार छपवाने पर रोक लगा दी। इससे पहले विरोधियों ने भाजपा पर सांप्रदायिक नफरत फैलाकर चुनाव का ध्रुवीकरण करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। भाजपा ने अपने कदम का बचाव करते हुए कहा कि उसमें कुछ गलत नहीं है लेकिन चुनाव आयोग ने आज शाम को एक अधिकारप्राप्त मीडिया समिति से पूर्व मंजूरी के बिना कल अखबारों में किसी पार्टी या उम्मीदवारा द्वारा विज्ञापनों के प्रकाशन पर रोक लगा दी। चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि आयोग ने पहली बार प्रिंट मीडिया के लिए इस तरह का दिशानिर्देश जारी किया है। उच्चतम न्यायालय के 2004 के एक आदेश के बाद रेडियो और टीवी विज्ञापनों पर इस तरह की पाबंदी लगाई गयी थी और 2013 में सोशल मीडिया को भी इसमें शामिल किया गया था।