पटना, बिहार में इस बार के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडी गठबंधन) समेत कई महिला सियासी रणभूमि में उतरी, जिनमें पांच महिला देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद तक पहुंचने में कामयाब हुयी।
भरपूर सम्मान एवं बराबरी की हिस्सेदारी का दावा करने वाले राजनीतिक दल इस चुनाव में भी आधी आबादी से किए अपने वादे भूल गए। बिहार में अबतक हुये लोकसभा चुनाव में सर्वाधिक चार बार जीतने वाली रमा देवी को भाजपा ने इस बार के चुनाव में शिवहर से बेटिकट कर दिया। राजग में सीटों के तालमेल के तहत शिवहर सीट इस बार जनता दल यूनाईटेड (जदयू) को मिली। जदयू ने शिवहर से पूर्व सांसद लवली आनंद को चुनावी रणभूमि में उतारा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राजग के प्रमुख घटक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस बार के लोकसभा चुनाव में महिला शक्ति को नजर अंदाज किया। भाजपा ने बिहार में एक भी महिला उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया।
राजग के घटक जदयू ने दो महिला सीवान से विजया लक्ष्मी देवी और शिवहर से लवली आनंद को टिकट दिया। राजग के घटक दल लोजपा-रामविलास ने वैशाली से वीणा देवी और समस्तीपुर से शांभवी चौधरी को उम्मीदवार बनाया। राजग के घटक हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने किसी महिला को प्रत्याशी नहीं बनाया। कुल मिलाकर राजग ने इस बार के चुनाव में 40 सीट में से चार सीट पर महिलाओं को प्रत्याशी बनाया। राजग के टिकट पर चुनावी रणभूमि में उतरी सभी महिला प्रत्याशी लवली आनंद, शांभवी चौधरी, वीणा देवी, और विजया लक्ष्मी देवी सांसद बनने में सफल रही।
शिवहर संसदीय सीट पर पूर्व सांसद लवली आनंद ने पूर्व मुखिया राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रत्याशी रितु जायसवाल को मात दी। समस्तीपुर संसदीय सीट से बिहार सरकार में मंत्री लोजपा (रामविलास) प्रत्याशी शांभवी चौधरी ने बिहार सरकार के ही मंत्री महेश्वर हजारी के पुत्र कांग्रेस उम्मीदवार सन्नी हजारी को शिकस्त दी। वैशाली संसदीय सीट पर लोजपा (रामविलास) प्रत्याशी वीणा देवी ने राजद उम्मीदवार पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला को पराजित किया। सीवान संसदीय सीट से जदयू उम्मीदवार विजय लक्ष्मी देवी ने निर्दलीय प्रत्याशी पूर्व सांसद मोहम्मद शाहबुद्दीन की पत्नी हिना शाहब को पराजित किया। सीवान के विधायक राजद प्रत्याशी अवध बिहारी चौधरी तीसरे नंबर पर रहे।
वहीं इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया गठबंधन) ने छह महिला शक्ति पर भरोसा जताया । (इंडिया गठबंधन) में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बिहार में आधी आबादी को टिकट देने के मामले में इस बार सभी दलों से बाजी मार ली। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने सर्वाधिक छह महिला शक्ति को चुनावी मैदान में उतारा है। इनमें राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की दो पुत्री मीसा भारती और रोहिनी आचार्य , बीमा भारती, रितु जायसवाल, अनिता देवी और अर्चना रविदास शामिल है। इसमें मीसा भारती को सफलता मिली और वह पहली बार सांसद बनने में सफल रहीं।
मीसा भारती ने पाटलिपुत्र संसदीय सीट पर हुये चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी पूर्व केन्द्रीय मंत्री राम कृपाल यादव को पराजित कर उनके हैट्रिक लगाने के सपने को चूर कर दिया। वर्ष 2014 और वर्ष 2019 के चुनाव में भी मीसा भारती ने पाटलिपुत्र संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था, हालांकि दोनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा, हालांकि इस बार मीसा ने बाजी अपने नाम कर ली।
राजद सुप्रीमों लालू यादव की दूसरी पुत्री रोहिनी आचार्य, सारण ,बीमा भारती, पूर्णिया, रितु जायसवाल , शिवहर,, अनिता देवी , मुंगेर और अर्चना रविदास जमुई (सु) से चुनावी समर में उतरी लेकिन किसी को जीत हासिल नहीं हुयी।
लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत कोटा प्रदान करने वाला महिला आरक्षण विधेयक पास हो गया है। इस विधेयक के कानून बनने के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटें आरक्षित की जाएंगी। हालांकि जनगणना और परमीसन के बाद महिला आरक्षण विधेयक वर्ष 2029 के लोकसभा चुनाव तक ही लागू हो सकेगा।फिलहाल लोकसभा में बिहार की तीन महिला सांसद हैं, जो महज 7.5 फीसद भागीदारी हैं। यदि महिला आरक्षण लागू हुआ तो बिहार से कम से कम 13 महिला लोकसभा पहुंचेंगी।