रायबरेली, उत्तर प्रदेश में आगामी विधान सभा चुनाव होने में कुछ माह बाकी हैं, लेकिन सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी दांव लगाना शुरु कर दिया है। कुछ पार्टियां सत्ता में बैठने के लिए समाज के ताना-बाना को ध्वस्त करने की फिराक में हैं।
रायबरेली में रविवार को बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने ब्राह्मण भाई चारा सम्मेलन में भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा कि इस पार्टी ने ब्राह्मणों का काफी नुकसान किया है। ब्राह्मणों को बेइज्जत भी किया है। इस सम्मेलन में आयी बड़ी संख्या बता रही है कि आगे क्या होने वाला है।
बसपा नेता ने कहा कि गुजरात में ब्राह्मण समाज की दशा खराब है। वहां ब्राह्मण अधिकारियों को जेल भेजा जा रहा है। यूपी में डा. लक्ष्मी कान्त वाजपेयी को बेइज्जत करके बीजेपी ने हटाया, एमएम जोशी को लोकसभा में हरवाने की कोशिश की और हरवाने के लिए वाराणसी से कानपुर का टिकट दिया। बीजेपी में ब्राह्मण नेताओं का सम्मान नहीं किया जाता। मिश्रा ने कहा कि अबकी बार बीएसपी का परचम लहराएगा। चुनाव में अब बहुत कम समय रह गया है। संभावना जताते हुए कहा कि एक महीने में चुनाव की घोषणा हो सकती है। जातीयता के भरोसे सत्ता की चाह रखे सतीश चन्द्र मिश्र ने आगे कहा कि बसपा सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय की नीति पर चल रही है। जबकि बीजेपी-सपा-कांग्रेस वोट की राजनीति कर रही है। बसपा नेता ने कहा कि बीएसपी भाईचारा बनाने का काम कर रही है, जबकि सपा और बीजेपी दंगे कराकर जीतना चाहते हैं। सपा धमकाकर और बीजेपी लड़ाकर वोट लेती है। उन्होंने दावा किया कि बीएसपी के कार्यकाल में कोई दंगा नहीं हुआ। मेरी सरकार में भाईचारे से लोग रहते थे। बीजेपी ने हजारों करोड़ मंदिर के नाम पर जमा किए। पैसा खा लिया, अब कहते हैं मंदिर एजेंडे से बाहर है। भाजपा पर प्रहार करते हुए बसपा नेता ने कहा कि बीजेपी के नाम से यूपी में लोग भी नहीं जमा हो रहे। हरियाणा के सीएम को अमित शाह को मंच पर लाना पड़ा।