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बीजेपी सांसद ने भाई को, मेयर बनवाने के लिये करवाया, सहारनपुर दंगा-राजबब्बर

सहारनपुर,  महीने भर के भीतर एक के बाद एक हिंसा की तीन घटनाओं से थर्राये सहारनपुर के बाशिंदे दहशत के साये से निकलने का प्रयास कर रहे हैं वहीं सहारनपुर के मामलो को लेकर सियासत भी तेज हो गई है।

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समाजवादी पार्टी जांच दल के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कानून व्यवस्था के मोर्चे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पूरी तरह से नाकाम बता चुके हैैं जबकि बहुजन समाज पार्टी भी इस मुद्दे पर भाजपा को घेरने में लगी है। सबसे ज्यादा सक्रियता जिले के प्रमुख मुस्लिम नेता एवं कांग्रेस उपाध्यक्ष इमरान मसूद दिखा रहे हैं। उन्ही के बुलावे पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर ने सहारनपुर का दौरा कर स्थिति की जानकारी ली।

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राजबब्बर ने कहा कि सबसे दुखद बात यह थी कि शब्बीरपुर में हमलावरो ने गर्भवती दलित महिला पर भी दया नहीं दिखायी और उन पर भी तलवारो से हमला किया। उन्होंने पत्रकारो से बातचीत में सहारनपुर भाजपा सांसद राघव लखनपाल शर्मा पर सहारनपुर की स्थिति बिगाड़ने का आरोप लगाया और कहा कि यदि सांसद 20 अप्रैल को सड़क दूधली में बिना अनुमति के अम्बेडकर शोभा यात्रा निकलवाने का काम न करते और स्थिति बिगड़ने के बाद तत्कालीन एसएसपी लव कुमार के सरकारी आवास मे घुसकर बवाल ना काटते तो सहारनपुर हिसा की आग मे नही झुलसता लेकिन सांसद ने अपने भाई को सहारनपुर मेयर का चुनाव लडवाने के इरादे से सहारनपुर को साम्प्रदायिक और जातीय उन्माद मे झोंकने का काम किया।

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शब्बीरपुर की जातीय हिंसा में मारे गए रसूलपुर टांक के 26 वर्षीय राजपूत युवा सुमित सिंह की रविवार को उनके गांव में शोक सभा का आयोजन है। जिसमे बड़ी तादात मे राजपूतो के इकट्ठा होने की सम्भावना को देखते हुए पुलिस सतर्क है। उस गांव के निवासी एवं देवबंद भाजपा अध्यक्ष गजराज राणा ने कहा कि शोकसभा पूरी तरह से शांतिपूर्वक रहेगी। किसी को भी अप्रिय बात कहने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने हिंसात्मक घटनाओं पर गंभीर रूख अपनाते हुये पुलिस उपमहानिरीक्षक जितेन्द्र शाही का तबादला कर दिया और उनके स्थान पर मेरठ के डीआईजी के एस इमैनुअल को भेजा है।

श्री शाही 31 मई को सेवानिवृत्त होने वाले थे। रिटायरमेंट के 19 दिन पहले उन्हे यहां से हटाकर पुलिस महानिदेशक मुख्यालय से संबद्ध किया गया है। दो दिन पहले ही सरकार के निर्देश पर दो अपर पुलिस अधीक्षकों को हटाया गया था। हिंसा की जांच के लिये विशेष जांच दल ;एसआईटीद्ध गठित किया गया है।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद्र दूबे ने बताया कि सहारनपुर में जातीय हिंसा के सभी दर्ज मामले एसआईटी को सौंप दिए गए है। जिलाधिकारी एनपी सिंह ने कहा कि अब सहारनपुर नगर एवं देहात में अब स्थिति तेजी के साथ सामान्य हो रही है।

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