बैंकाक, भारत ने खिताबी मुकाबले में शानदार प्रदर्शन करते हुए इंडोनेशिया को रविवार को 3-0 से हराकर प्रतिष्ठित पुरुष बैडमिंटन टीम प्रतियोगिता थॉमस कप को पहली बार जीत लिया।
भारत ने पहले तीनों मैच जीतकर थॉमस कप पर कब्जा जमाया। लक्ष्य सेन और किदाम्बी श्रीकांत ने एकल मैच तथा सात्विकसैराज रन्किरेड्डी और चिराग शेट्टी ने युगल मैच जीता। भारत ने शुक्रवार को इतिहास रचते हुए डेनमार्क को 3-2 से हराकर थॉमस कप के फाइनल में पहली बार जगह बनायी थी। भारतीय टीम इससे पहले 1952, 1955 और 1979 में सेमीफाइनल में पहुंची थी।
युवा शटलर लक्ष्य सेन ने पहले मुकाबले में दुनिया के पांचवें नंबर के खिलाड़ी एंथनी गिंटिंग को हराया। लक्ष्य ने गिनटिंग के खिलाफ 8-21, 21-17, 21-16 से जीत दर्ज की। यह दुनिया के 5वें नंबर के शटलर पर उनकी लगातार दूसरी जीत थी। 20 वर्षीय भारतीय ने इस साल की शुरुआत में जर्मन ओपन राउंड-16 मैच में गिनटिंग को सीधे गेम में 21-9, 21-9 से हराया था।
गिनटिंग ने पहला गेम 21-8 से अपने नाम कर लिया, जिसके बाद लक्ष्य ने दूसरा गेम 21-17 से जीतकर 1-1 की बराबरी कर ली। निर्णायक मुकाबले में इंडोनेशिया के गिनटिंग ने शुरुआती क्षणों में 11-7 की लीड हासिल कर ली, लेकिन लक्ष्य ने पांच लगातार पॉइंट्स के साथ वापसी करते हुए गेम को 12-12 पर ला खड़ा किया। मैच के अंतिम क्षणों में लक्ष्य गिनटिंग पर पूरी तरह हावी हो गये और मुकाबले को 21-17 से जीत लिया।
भारत की बैडमिंटन पुरुष युगल जोड़ी सात्विकसैराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने युगल मैच में मोहम्मद अहसान और केविन संजय सुकमलुजो की जोड़ी के खिलाफ जीत दर्ज कर भारत की बढ़त 2-0 कर दी। सात्विक और चिराग ने यहां इम्पैक्ट एरिना में एक घंटे 13 मिनट तक चले रोमांचक मुकाबले में अहसान और सुकमलुजो पर 18-21, 23-21, 21-19 से जीत दर्ज की।
इंडोनेशिया के अहसान और सुकामलुजो ने शुरुआती गेम को 17 मिनट में 21-18 से जीत लिया। दूसरे गेम में भारतीय जोड़ी ने मिड-गेम ब्रेक तक 11-6 की बढ़त बना ली। ब्रेक के बाद इंडोनेशिया ने वापसी की और वह 14-18 से लीड कर रहा था, लेकिन भारत ने वापसी करते हुए उसे 23-21 से मात दी।
निर्णायक गेम में कांटे की टक्कर हुई और एक समय पर दोनों टीमें 16-16 की बराबरी पर थीं, लेकिन भारत ने अद्वितीय खेल का प्रदर्शन करते हुए यह मुकाबला जीत लिया और इंडोनेशिया पर 2-0 की बढ़त हासिल कर ली।
मुकाबले में 2-0 की बढ़त बनाने के बाद तीसरे मैच में श्रीकांत हावी होकर खेले और उन्होंने जोनाथन क्रिस्टी को 48 मिनट में 21-15, 23-21 से पराजित कर खिताब भारत की झोली में डाल दिया। भारत के 3-0 की अपराजेय बढ़त बनाने के बाद शेष दो मैचों की जरूरत नहीं पड़ी।
श्रीकांत ने इस जीत से क्रिस्टी के खिलाफ करियर रिकॉर्ड 5-5 कर लिया है। पहले गेम में 15-15 की बराबरी के बाद श्रीकांत ने लगातार छह अंक लेकर गेम 21-15 से जीत लिया।
दूसरे गेम में श्रीकांत ने 20-21 के स्कोर पर एक गेम अंक से पीछे रहने के बावजूद लगातार तीन अंक लेकर 23 -21 से गेम और मैच समाप्त कर दिया। श्रीकांत के मैच जीतते ही भारतीय खेमे में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी और टीम को बधाइयों का तांता लग गया।