टोक्यो, भारतीय महिला हॉकी टीम ने अपने जबरदस्त डिफेंस के दम पर सोमवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ1-0 से ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहली बार स्थान बना लिया।
यह शाहरुख खान अभिनीत “चक दे इण्डिया” फिल्म नहीं थी। जो कुछ आज टोक्यो में घटित हुआ वो एक सपने के हकीकत में बदलने की महान गाथा है।
जिस तरह से उस फिल्म की खिताबी भिड़ंत में कोच शाहरुख खान के मार्गदर्शन में भारत ने आस्ट्रेलियाई महिला हाकी टीम को मात दी थी ठीक वैसे ही आज टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम ने तीन बार की स्वर्ण पदक विजेता को स्तब्ध करते हुए इतिहास रच दिया।
भारतीय टीम ने क्वार्टर फाइनल में वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया पर मुकाबले के पहले तीनों क्वार्टर में दबदबा कायम रखते हुए 1-0 से मात दी। इस जीत के साथ ही भारत ने पहली बार ओलंपिक हाकी के सेमीफाइनल तक का सफर तय करने का ऐजाज हासिल कर लिया।
जिस भारतीय टीम ने लीग मुकाबलों के दौरान आयरलैंड के खिलाफ मिले सभी 14 पेनल्टी कार्नर जाया कर दिए थे आज उसी ने मिले पहले पेनल्टी कार्नर को ही भुनाते हुए स्वर्ण के प्रबलतम दावेदार माने जा रहे देश पर चमत्कारिक विजय अर्जित कर ली।
भारत ने खेल के पहले क्वार्टर से ही विपक्षी टीम पर दबदबा कायम रखा । भारत की गुरजीत कौर ने इस पेनल्टी कार्नर को गोल में तब्दील किया था जो अंत में निर्णायक सिद्ध हुआ।
पहले, दूसरे और तीसरे क्वार्टर में विजेता टीम ने आस्ट्रेलियाई आक्रमण का बखूबी जवाब दिया और गेंद को अधिकांश समय तक अपने कब्जे में रखा।
भारतीय महिला टीम ने पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में प्रवेश किया। यह भारतीय टीम का तीसरा ओलंपिक है। इससे पहले भारतीय महिला हॉकी टीम ने 1980 मॉस्को ओलंपिक और 2016 रियो ओलंपिक में भाग लिया था।
वैसे भारत ने लीग दौर के अपने पहले तीनों मुकाबले जिस बेदम खेल से गंवाए थे उससे उसके बडे से बडे प्रशंसक ने भी टीम के नॉकआउट दौर में प्रवेश की उम्मीद नहीं की थी। लेकिन उसी लीग के अंतिम दो मैचों में उसने पहल आयरलैंड और फिर दक्षिण अफ्रीका को हरा कर न सिर्फ नॉकआउट दौर में स्थान बनाया बल्कि 1988,1996 और 2000 की ओलंपिक विजेता का मानमर्दन करते हुए अपने आलोचकों को करारा जवाब भी दे दिया।
विजेता टीम के शानदार रक्षण की भी तारीफ करनी होगी जिसने आस्ट्रेलियाई मंसूबे नाकाम किए। पराजित टीम को आठ शार्ट कार्नर मिले थे लेकिन वह उनमे से एक को भी नहीं भुना पाई।
इससे पहले रविवार को भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने ब्रिटेन को भी 3-1 से हराकर 49 साल बाद ओलंपिक खेलों के सेमीफाइनल में प्रवेश किया था।