नई दिल्ली, केंद्रीय सूचना आयोग ने सरकार को निर्देश दिया है कि प्रत्येक विभाग में भ्रष्टाचार के मामलों का सामना कर रहे अधिकारियों की जानकारियां सार्वजनिक की जाए। आयोग ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को निर्देश दिया है कि वह यह सुनिश्चित करें कि भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे सरकारी अधिकारियों के संख्यात्मक आंकड़ों को सार्वजनिक किया जाए लेकिन उनके नाम सार्वजनिक ना किए जाए।
सूचना आयुक्त यशोवर्द्धन आजाद ने कहा, किसी भी परिस्थिति में आरोपों का सामना कर रहे कर्मचारियों के नामों का खुलासा ना किया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि लंबित मामलों के साथ-साथ निपटाए गए विभागीय मामलों, सतर्कता, नियोक्ता द्वारा कर्मचारियों के खिलाफ दायर किए गए अदालती मामलों, आरोप पत्र में नामजद कर्मचारी के पद और जांच के नतीजों की जानकारियां वेबसाइट पर दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, ऐसे आंकड़ों का खुलासा करना बेहतर शासन में एक औजार और निस्संदेह बड़ा जनहित साबित होगा। वह अशोक कुमार रेड्डी के मामलों पर फैसला सुना रहे थे जो भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे अधिकारियों के बारे में विभिन्न विभागों से सूचना चाहते थे।