आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आईएसएस अधिकारियों के लिए नोडल अथॉरिटी के रूप में काम करने वाली डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) यह कार्रवाई कर रही है। इन अधिकारियों के अलावा केन्द्रीय सचिवालय सेवा के 29 अधिकारी भी अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना कर रहे हैं।
सूत्रों ने दावा किया कि शिकायत के आधार पर और सर्विस रिकॉर्ड की समीक्षा करने के बाद 68 अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। इनमें से कुछ वरिष्ठ स्तर पर कार्यरत हैं। केन्द्र सरकार सेवा आपूर्ति और शासन तंत्र को और सुधारने के प्रयास के तहत अपने कर्मचारियों की समीक्षा कर रही है।
नियम के अनुसार सरकारी कर्मचारियों के कामकाज का आकलन उसके सेवाकाल में दो बार किया जाता है। इनमें से पहला सर्विस के लिए चुने जाने के 15 साल पर और इसके 25 वर्ष के बाद। पिछले एक वर्ष में केन्द्र सरकार ने काम नहीं करने वाले 129 कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी है। इनमें आईएएस और आईपीएस अधिकारी भी शामिल हैं।
केन्द्र ने काम नहीं करने वालों की पहचान करने के लिए 67,000 कर्मचारियों के सर्विस रिकार्ड की जांच करने की भी कवायद शुरू की है। इनमें से करीब 25,000 कर्मचारी देशभर से और ग्रुप ए सेवा से हैं। ताजा आंकड़ों के अनुसार केन्द्र सरकार के 48.85 लाख कर्मचारी हैं।