काहिरा, आज एक मस्जिद में आतंकी हमले में 230 से अधिक लोग मारे गए और सैंकड़ों घायल हुए हैं।इस भयंकर हमले की जिम्मेदारी किसी भी आतंकवादी संगठन ने नहीं ली है लेकिन माना जा रहा है इसके पीछे इस्लामिक स्टेट आतंकी संगठन का हाथ है।
मिस्र के उत्तरी सिनाई क्षेत्र में, स्थानीय टेलीविजन पर दिखाई गई तस्वीरों में खून से सने लोग मस्जिद के भीतर कंबलों में लिपटे हुए दिखाई दे रहे हैं। यह हमला उस समय हुआ जब लोग जुम्मे की नमाज पूरी कर रहे थे और इसी दौरान एक जाेरदार धमाका हुआ। मस्जिद के बाहर जीपाें से उतर कर कम से कम 40 बंदूकधारियों ने बाहर निकलने के कोशिश कर रहे लोगों पर चारों तरफ से गोलियां चलानी शुरू कर दी ।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जो लोग मस्जिद से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे एबाहर खड़े हथियारबंद लोग उन्हें निशाना बना रहे थे और उन्होंने महिलाओं एबच्चों तथा बूढ़ों को भी नहीं बख्शा।अभी तक आतंकवादी पुलिस और सेना के ठिकानों अथवा इनके वाहनों को ही निशाना बनाते थे लेकिन अब मस्जिद को निशाना बनाया जाना उनकी नई रणनीतिक का हिस्सा है।
सरकारी अभियोजक कार्यालय के अनुसार इस हमले में 235 से अधिक लोग मारे गए और 109 से अधिक घायल हुए हैं।अल अरबिया चैनल के मुताबिक मरने वालों में कुछ सूफी संत भी थे । इस्लामिक स्टेट इन्हें अपना निशाना इसलिए बना रहा है क्योंकि ये लोग संतों और दरगाहों का सम्मान करते हैं जिसे इस्लामिक स्टेट मूर्तिपूजा जैसा मानता है।आतंकवादियोें ने स्थानीय कबीलाई लोगों और उनके सिपाहियों को भी निशाना बनाया है क्याेंंकि इन पर मुखबिरी का शक था।
राष्ट्रपति कार्यालय और सरकारी टेलीविजन की रिपोटों में बताया गया है कि इस हमले के बाद राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी ने रक्षा और गृह मंत्रियों के अलावा खुफिया विभाग के अाला अधिकारियों की बैठक बुलाई और इस तरह की घटनाओं से निपटने की रणनीति बनाने पर विचार किया।
उन्होंने एक बयान जारी करते हुए कहा कि इस जघन्य हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और जो भी इस हमले में शामिल हैंए जिन्होंने आतंकवादियों की मदद की, धनराशि मुहैया कराई तथा इस कायराना हमले के लिए उकसाया एउन सभी को कड़ी सजा मिलेगी।
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक टिवट् करते हुए इस हमले को ष्भयानक और कायराना आतंकवादी हमला ष् करार दिया है।
उन्होंने कहाकि विश्व आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं कर सकता है और आतंकवादियों का खात्मा कर उस विचारधारा का भी समूल नाश करना है जो इस तरह के हमलों का आधार बनती है।फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां विस ली ड्रायन ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में उनका देश मिस्र के साथ है।