
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा,“महान चिंतक, समाज सुधारक एवं प्रखर राष्ट्रवादी महर्षि दयानंद सरस्वती जी को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। वे जीवनपर्यंत समाज को अज्ञानता, अंधविश्वास और आडंबर के खिलाफ जागरूक करने में जुटे रहे। शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ भारतीय विरासत और संस्कृति के संरक्षण के लिए उनके प्रयास देशवासियों को सदैव प्रेरित करते रहेंगे।”
दयानन्द सरस्वती का जन्म फाल्गुन दशमी, विक्रमी संवत् 1881 (12 फरवरी, 1825 ई.) गुजरात की तत्कालीन मोरबी रियासत में टंकारा में हुआ था जो आधुनिक राजकोट जिले में पड़ता है। उनके पिता का नाम श्रीकर्षणजी और माँ का नाम यशोदा बाई था। महर्षि दयानन्द ने चैत्र शुक्ल प्रतिपदा संवत् 1932(सन् 1875) को गिरगांव मुम्बई में आर्यसमाज की स्थापना की।