नयी दिल्ली, सत्रह जुलाई से शुरु होने जा रहे संसद के मानसून सत्र से पहले विभिन्न महिला संगठनों ने एक बार फिर महिला आरक्षण विधेयक पारित किए जाने की मांग जोर शोर से उठाई है। आज एक संवाददाता सम्मेलन में 1600 से ज्यादा महिला संगठनों ने राजनीतिक दलों से अनुरोध किया कि संसद के मौजूदा सत्र में वे महिला आरक्षण विधेयक पारित करने में सहयोग करें।
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संगठन की सदस्यों ने एक प्रस्ताव पारित कर कहा कि वे लोक सभा अध्यक्ष, संसदीय मामलों के मंत्री तथा विधि एंव न्याय मंत्री तथा सभी सांसदों से अनुरोध करती हैं कि महिला आरक्षण विधेयक पारित किए जाने के लिए यह उचित समय है।
संगठनों का कहना था कि दुनिया के कई देशों में राजनीति में जहां महिलाओं की भागीदारी बढ़ती जा रही है वहीं दूसरी ओर भारत में संसद और विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व नहीं के बराबर है। इसके लिए देश के पितृसत्तात्मक सामाजिक ढ़ांचा जिम्मेदार है।
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एक प्रगतिशील लोकतांत्रिक देश होने के बावजूद सामाजिक सोच में बदलाव नहीं हुआ है और यही वजह है कि महिला आरक्षण विधेयक अभी तक पारित नहीं हो पाया है।
सम्मेलन में दिल्ली से आम आदमी पार्टी की विधायक अल्का लांबाएनेशनल फेडरेशन आॅफ इंडियन वूमेन के सचिव एेनी राजा और सेंटर फॉर सोशल रिसर्च की निदेशक रंजाना कुमारी सहित कई जानी मानी महिला कार्यकर्ता उपस्थित थीं।