चेन्नई, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने गुरुवार को कहा कि द्रमुक सरकार ने पेट्रोल पर राज्य कर कम करके अपना चुनावी वादा पूरा किया है।
राज्य विधानसभा में कांग्रेस के नेता के सेल्वपेरुन्थागई ने तमिलनाडु सहित अन्य राज्यों से पेट्रोल पर कर कम करने के प्रधानमंत्री के अनुरोध का जिक्र किया, जिसके जवाब में मुख्यमंत्री ने भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही पेट्रोल के दाम कम कर देती है और चुनाव समाप्त होते ही थोड़े-थोड़े कर के बढ़ा देती है।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने अपने वादे के अनुसार पेट्रोल पर राज्य कर कम किया था।
श्री स्टालिन ने यह भी समझाया कि केंद्र सरकार ने ईंधन पर उत्पाद शुल्क कम करके उपकर और अधिशुल्क बढ़ा दिया है जिससे लोगों के साथ-साथ राज्य भी प्रभावित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा, “2014 में इसके (भाजपा) शासन में आने के बाद से, जब भी कच्चे तेल की कीमतें कम हुई हैं, केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम करने के बजाय कच्चे तेल की कीमतें कम होने के कारण बची हुई रकम अपने पास रखी।”
उन्होंने कहा, “कुछ राज्यों में चुनावों को देखते हुए, केंद्र सरकार ने यह दिखावा किया कि वह पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम कर रही है मगर उसने बाद में कीमतों को और बढ़ा कर लोगों पर अधिक बोझ डाल दिया।
श्री स्टालिन ने कहा, “पिछले साल मई में चुनाव जीतने के बाद, द्रमुक सरकार ने वित्तीय दबाव के बावजूद केंद्र सरकार से भी पहले पेट्रोल पर तीन रुपये प्रति लीटर राज्य कर कम किया था।”
उन्होंने कहा, “लोगों को इसकी जानकारी है। मैं यह फैसला जनता पर छोड़ता हूं कि कौन वास्तव में ईंधन की कीमतों में कटौती करने में दिलचस्पी रखता है और कौन केवल दूसरों को दोष देने के लिे कीमतों में कटौती का नाटक कर रहा है।