देहरादून, केंद्र सरकार ने आध्यात्मिक क्षेत्र की हस्ती गायत्री परिवार शांतिकुंज के प्रमुख डॉक्टर प्रणव पंड्या को राज्यसभा में मनोनीत किया है। बुधवार को राज्यसभा में मनोनीत किये जाने पर प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हुए प्रणव पंड्या ने कहा कि राज्यसभा में जाकर वे संसद की साफ सफाई का काम करेंगे और साथ ही गंगा की स्वच्छता के लिए काम और तेजी के साथ करेंगे।
डॉ. प्रणव पंड्या का जन्म 8 नवम्बर 1950 को हुआ था। वर्तमान में वे गायत्री परिवार के संचालक हैं। इसके अलावा देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान के निदेशक तथा अखण्ड ज्योति पत्रिका के संपादक भी हैं। प्रणव पंड्या ने एमजीएम मेडिकल कॉलेज, इन्दौर से जनवरी 1972 में एमबीबीएस और दिसम्बर 1975 में मेडिसिन में एमडी की उपाधि तथा स्वर्ण प्रदक प्राप्त किया। डॉ. प्रणव पंड्या जून 1976 से सितम्बर 1978 तक भारत हैवी इलैक्ट्रिकल्स लिमिटेड हरिद्वार और भोपाल के अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वे युग निर्माण योजना मिशन से 1963 में संपर्क में आये और 1969 से 1977 के बीच गायत्री तपोभूमि मथुरा तथा शंतिकुंज हरिद्वार में लगे कई शिविरों में भाग लिया। इसके बाद उन्होंने सितम्बर 1978 में बीएचईएल कस्तूरबा अस्पताल भोपाल से डॉक्टर के पद से त्याग पत्र दे दिया और स्थायी रूप से हरिद्वार चले गए। यहां उन्होंने पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी के मार्गदर्शन एवं संरक्षण में आध्यात्म और विज्ञान के समन्वय हेतु ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान हरिद्वार की स्थापना जून 1978 में की। डॉक्टर प्रणव पंड्या विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक संस्था शांति कुंज के संस्थापक श्रीराम शर्मा आचार्य जी के दामाद भी हैं।
शांति कुंज के पूरे देश में 8 करोड़ से ज्यादा फॉलोवर्स है। कभी राजनीति में नहीं जाना चाहते थे: नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने से कुछ महीने पहले ही हरिद्वार में शांतिकुंज में आये थे। राज्यसभा में नामित किये जाने के बाद प्रणव पंड्या ने प्रधानमंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि पिछले 15 दिनों से प्रधानमंत्री कार्यालय से बार-बार उनके पास राज्यसभा में नामांकन के लिए सहमति देने के लिए फोन आ रहा था। वह कभी राजनीति में नहीं जाना चाहते थे। उनके गुरु श्रीराम शर्मा आचार्य जी भी हमेशा राजनीति से दूर रहे और उन्हें भी दूर रहने के लिये कहते थे। डॉक्टर पंड्या ने कहा कि जब पीएम ने कहा कि कुल 12 में से केवल एक सीट आपके लिए ही रोक कर रखी है, आप हां कर दीजिये। तब पीएम के अनुरोध पर राजनीति से दूर रहने की शर्त पर उन्होंने हां की। उन्होंने कहा कि वह राज्यसभा में जाकर दोनों सदनों के माहौल को साफ करने का कम करेंगे और सांसदों को भी धर्म और आध्यात्मिकता में ढालने की कोशिश करेंगे। डॉक्टर पंड्या ने कहा कि वह राजनीति के बजाय संसद में जाकर शिक्षा की बेहतरी के लिए और गंगा की स्वच्छता के काम को और तेज करने के लिए काम करेंगे। बता दें कि हरिद्वार से सन् 1972 के बाद पूरे 34 साल बाद कोई शख्सियत राज्यसभा के लिए नामित की गयी है। डॉ. प्रणव पंड्या भोपाल में थे डॉक्टर: गायत्री परिवार में जुड़ने से पहले डॉ. प्रणव पंड्या बीएचईएल कस्तूरबा अस्पताल भोपाल में डॉक्टर थे और उन्होंने इंदौर के एमजीएम कॉलेज से एमबीबीएस और एमडी की डिग्री हासिल की थी। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने डॉ. पंड्या को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के दामाद को वैज्ञानिक आध्यात्मिकता का मार्गदर्शक भी माना जाता है। डॉ. प्रणव पंड्या प्रधानमंत्री मोदी के बेहद करीबी माने जाते हैं। चर्चा भी है कि मोदी की पसंद के चलते उनका चयन राज्यसभा के लिए किया गया है। इसके अलावा प्रधानमंत्री के 11 सूत्रीय कार्यक्रम में डॉ. प्रणव पंड्या की अहम भूमिका रही है। खास तौर से प्रधानमंत्री का पसंदीदा स्वच्छता अभियान का सुझाव डॉ. पंड्या की ओर से आया था। पेशे से डॉक्टर प्रणव पंड्या श्रीराम शर्मा के करीब आने के बाद भारतीय संस्कृति को दुनिया में नया आयाम देने की मुहिम से जुड़े। गौरतलब है कि 22 अप्रैल को नवजोत सिंह सिद्धू, मलयाली अभिनेता सुरेश गोपी, पत्रकार स्वप्न दासगुप्ता, सुब्रमण्यम स्वामी, नरेंद्र जाधव और मुक्केबाज मैरीकॉम को उच्च सदन के लिए मनोनीत हो चुके हैं।