नई दिल्ली, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने केंद्र सरकार पर कामगार वर्ग विरोधी कदम उठाने का आरोप लगाया। पार्टी ने इसके साथ ही मोदी सरकार की बढ़ती निरंकुशता के खिलाफ संघर्ष करने की भी मांग की है।
माकपा के मुखपत्र पीपुल्स डेमोक्रेसी में प्रकाशित संपादकीय के मुताबिक, नरेंद्र मोदी सरकार व्यापार नियमों को आसान बनाने और रोजगार के अवसर प्रदान करने के नाम पर कामगार वर्ग विरोधी कदम उठा रही है। केंद्रीय व्यापार संगठनों द्वारा 2 सितंबर को देशव्यापी हड़ताल के आह्वान के मद्देनजर संपादकीय में कहा गया है, कामगार वर्ग अभियान में इन सभी श्रमिक विरोधी कदमों का सख्ती से विरोध किया जा रहा है। माकपा ने कहा कि सरकार अब कारखाना अधिनियम में बदलाव लाने का प्रस्ताव रख रही है। संपादकीय में कहा गया, अगर संशोधन किया गया तो कारखाने की परिभाषा में बदलाव के चलते 75 प्रतिशत से ज्यादा औद्योगिक कर्मचारी अधिनियम के दायरे से बाहर हो जाएंगे। संपादकीय के मुताबिक, 40 कर्मचारियों तक की संख्या वाले सभी कारखाने कारखाने अधिनियम से बाहर हो जाएंगे। 40 कर्मचारियों तक की संख्या वाले लघु कारखानों के लिए एक नया विधेयक लाया जा रहा है। विधेयक के मुताबिक, लघु कारखानों पर 14 बुनियादी श्रमिक कानून लागू नहीं होंगे।