लखनऊ, समाजवादी पार्टी को सियासी मुसीबत से निकालने मे मौलाना अहमद बुखारी ने आज लखनऊ मे अहम भूमिका निभायी।मुलायम सिंह यादव परिवार में मची रार में सुलह कराने का मोर्चा दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी ने संभाला। पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से दो चक्रों में अलग-अलग बातचीत करने के बाद उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को भी बुलवाया और तीनों को एक साथ बैठाकर बातचीत की।सूत्रों के अनुसार, अखिलेश यादव को सपा का मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर चुनाव में उतरने पर सहमति बन गई है।
लखनऊ पहुंचने के बाद मौलाना अहमद बुखारी ने सबसे पहले सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव से उनके विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास पर करीब आधे घंटे तक बातचीत की। इसके बाद वह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने उनके सरकारी आवास पर गए। मुख्यमंत्री से आधे घंटे की बातचीत के बाद वह वापस सपा मुखिया के पास आए और फिर कुछ बिंदुओं पर उनसे चर्चा की। सपा मुखिया से मिलने के बाद वह फिर मुख्यमंत्री के पास गए। दो चक्रों में दोनों से अलग-अलग बातचीत के बाद वह फिर सपा मुखिया के पास आए, जहां अंतत: तय हुआ कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को भी बुलाकर बातचीत हो। इसके बाद दोनों को सपा मुखिया के आवास पर बुलाया गया, जहां तीनों के बीच करीब डेढ़ घंटे तक सभी मुद्दों पर खुलकर चर्चा हुई। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में कई मतभेद दूर हो गए और सपा के मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में अखिलेश यादव का नाम आगे आकर वर्ष 2017 का चुनाव लड़ने पर सहमति बन गई है। यह पहल वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम मतों का बिखराव रोकने के लिए की गई।