‘‘यू0पी0 में फेल हो रही फसल बीमा योजना’’ शीर्षक से प्रकाशित समाचार के सम्बन्ध में स्पष्ट करना है कि भारत सरकार द्वारा कृषकों के हित पूर्ववर्ती फसल बीमा योजना में आवश्यक संशोधन/नये प्राविधान जोड़ते हुए वर्ष 2016-17 से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में को लागू किया गया है। योजना में कृषकों को काफी कम प्रीमियम पर फसल की उत्पादन लागत की सम्पूर्ण धनराशि पर बीमा कवरेज उपलब्ध कराया गया है। स्थानिक आपदाओं-ओलावृष्टि, जलभराव व भूस्खलन, जिससे सीमित क्षेत्र में ही फसलें प्रभावित होती हैं, के जोखिमों को व्यक्तिगत कृषक के स्तर पर कवर करते हुए क्षति का आंकलन किया जाता है।
व्यापक आपदाओं को ही ग्रामपंचायत को इकाई मानते हुए क्षति के निर्धारण का प्राविधान है। ऋणी कृषकों की फसलों का बीमा सम्बन्धित बैंक शाखाओं द्वारा एवं गैर ऋणी कृषकों का बीमा निकटतम बैंक/जन सुविधा केन्द्र/बीमा कम्पनी के एजेन्ट द्वारा सीधे भारत सरकार के फसल बीमा पोर्टल पर आनलाइन किया जाता है। पोर्टल से ही कृषको को रसीद/पालिसी की प्रति दिये जाने का प्राविधान है।
मात्र स्थानिक आपदाओं में आपदा के 48 घण्टे के अन्दर कृषकों द्वारा व्यक्तिगत दावा स्वयं/बैंक/जनपद के राज्य सरकार के अधिकारी के माध्यम से सीधे बीमा कम्पनी को प्रस्तुत करना आवश्यक है। व्यक्तिगत दावे की प्रक्रिया का व्यापक प्रचार-प्रसार ग्रामपंचायत स्तर तक किया गया है। अन्य किसी भी स्थितियों में कृषक को व्यक्तिगत दावा प्रस्तुत करना आवश्यक नहीं है। कृषक को देय क्षतिपूर्ति को सीधे कृषक के बैंक खाते में बीमा कम्पनी द्वारा जमा कराया जाता है।