लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सभी मतदान केंद्रों को धूम्रपान वर्जित क्षेत्र घोषित किया है। इस नियम को 2014 के लोकसभा चुनाव में भी घोषित किया गया था, लेकिन विधानसभा चुनावों में पहली बार यह आदेश दिया गया है।
अधिकारियों के अनुसार, चुनाव आयोग ने चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग को लिखित में उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में मतदान केंद्रों पर धूम्रपान प्रतिबंध सुनिश्चित करने के लिए कहा है। इसके बाद चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में सभी जिलाधिकारियों को लिखा है कि चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध सुनिश्चित किया जाए। जिला चुनाव अधिकारियों से मतदान केंद्रों के बाहर 30 गुना 60 सेमी के बोर्ड लगवाने के लिए कहा गया है, जिससे मतदाताओं को सूचित किया जाए कि मतदान केंद्र धूम्रपान निषिद्ध क्षेत्र हैं। भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने एक पुस्तिका में राज्य निर्वाचन आयोग के सभी अधिकारियों को यह निर्देश जारी किया है कि देशभर के सभी मतदान केंद्रों को धूम्रपान निषिद्ध क्षेत्र बनाया जाए। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) की ओर से जारी ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (जीएटीएस) इंडिया 2009-2010 के अनुसार, उत्तर प्रदेश की 33.9 फीसदी आबादी किसी न किसी रूप में तंबाकू का उपयोग कर रही है। उत्तर प्रदेश में 2.3 प्रतिशत सिगरेट पीने वाले, 12.4 प्रतिशत बीड़ी पीने वाले और 25.3 प्रतिशत बगैर धुएं वाले तंबाकू उपयोगकर्ता हैं। उत्तर प्रदेश में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम से जुड़े बिनॉय मैथ्यू ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि वह इस तरह की पहल से प्रोत्साहित महसूस कर रहे हैं, क्योंकि यह बहुत जागरुकता पैदा करते हैं।