लखनऊ, भाईचारे और सामाजिक सौहार्द्र का संदेश देने वाले पर्व ईद उल अजहा (बकरीद) को उत्तर प्रदेश में शांतिपूर्ण तरीके से हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
रविवार काे प्रदेश के विभिन्न इलाकों से मिली जानकारी के मुताबिक लगभग सभी जिलों में मुस्लिम समाज के लोगों ने स्थानीय मस्जिदों में नमाज अदा कर बकरीद का त्यौहार एक दूसरे से गले मिलकर आपसी भाईचारे के साथ मनाया। गौरतलब है कि इस्लामिक कलेंडर के आखिरी महीना जिलहिज्जा की 10 तारीख को ईद उल अजहा की नमाज अदा की जाती है।
जौनपुर से मिली जानकारी के अनुसार जिले में पूरे हर्षोल्लास एवं भाईचारे को कायम रखते हुए बकरीद मनायी गयी। कोविड काल के दो साल के बाद ईद उल अजहा के मौके पर जौनपुर स्थित शाही ईदगाह में बकरीद की नमाज लोगों ने अदा की। हजरत मौलाना जफर के दामाद मौलाना फैसल कमर ने नमाज अदा कराई।
इस मौके पर भारी तादाद में जुटी भीड़ को संबोधित करते हुए हजरत मौलाना ने बताया कि जब अल्लाह ने बकरीद पर कुर्बानी के महत्व के बारे में तफसील से बताया। उन्होंने बताया कि अरबी भाषा में ‘कूर्ब’ शब्द का मतलब ‘नजदीक’ होता है, इसीलिए इसको ईद ए कुर्बा भी कहते हैं। कुर्बानी करने के बाद बंदा अपने रब के नजदीक हो जाता है।
उन्होंने लाेगों काे नसीहत दी कि वे अल्लाह के रास्ते में अपने हर बुरे काम छोड़ दे और नेक रास्ते पर अमल करते हुए अपनी जिंदगी गुजारें। लोभ, लालच, बेईमानी छोड़ना ही सबसे बड़ी कुर्बानी है। लोगों ने एक दूसरे से गले मिलकर ईद उल अजहा की मुबारकबाद दी और अपने अपने घरों पर जाकर जानवर जिबे कराने का काम किया। नमाज के वक्त जिला प्रशासन के लोग भी ईदगाह के इर्द-गिर्द मौजूद रहे।
मैनपुरी से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार शहर में स्थित ईदगाह पर सुबह की नमाज अदा की गयी। इसके बाद स्थानीय लोगों ने एक दूसरे को बकरीद की बधाई देते हुए हर्षोल्लास के साथ इस पर्व को मनाया ।
मैनपुरी के पुलिस अधीक्षक कमलेश दीक्षित ने भी लोगों के बीच जाकर सभी को बकरीद की बधाइयां देते हुए शांतिपूर्ण ढंग से इस पर्व को मनाने के लिए सभी का शुक्रिया अदा किया। लोगों ने भी एक दूसरे के घर जाकर बकरीद की बधाई दी। दीक्षित ने बताया कि जनपद के विभिन्न स्थानों पर करीब 26 ईदगाहों व 88 मस्जिदों में नमाज अदा की गई। जिले में इस पर्व को शांतिप्रिय ढंग से मनाया गया।