लखनऊ , उत्तर प्रदेश सरकार ने शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड को नोटिस जारी कर पूूछा है कि क्यों न उन्हें भंग कर दिया जाये।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार ने केन्द्रीय वक्फ काउंसिल के निर्देश के अनुसार शिया और सुन्नी वक्फ बोर्डों को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न दोनो को भंग कर दिया जाये। काउंसिल ने दोनो बोर्डों में भ्रष्टाचार की चर्चा करते हुए उन्हें भंग कर उनकी जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो या किसी अन्य एजेंसी से कराने के लिये कहा है।
उन्होंने कहा कि काउंसिल के निर्देशानुसार दोनो बोर्डों को नोटिस जारी किया गया है। जवाब मिलने के बाद अगला निर्णय लिया जायेगा। सूत्रों ने स्वीकार किया कि भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली हैंए लेकिन कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद ही कोई निर्णय लिया जायेगा। सरकार को दोनो बोर्डों के जवाब का इंतजार है।
उधर, वक्फ बोर्ड में अरबों रुपये के घोटाले के आरोप लगाते हुए प्रमुख शिया मौलाना कल्बे जव्वाद ने इसकी जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो के सुपुर्द करने की मांग की है।
मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि समाजवादी पार्टी सरकार में वक्फ मंत्री रहे मोहम्मद आजम खाँ की सरपरस्ती में शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने अरबों रुपये का जमीन घोटाला किया है। इसकी जांच सीबीआई से होनी चाहिये। इस संबंध में वह कई मौलानाओं के साथ जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि श्री खां और श्री रिजवी ने बोर्ड को अपनी निजी मिल्कियत समझ ली थी। औने.पौने दाम पर बोर्ड की जमीन इधर-उधर कर दी। श्री रिजवी की सम्पत्तियों की जांच भी होनी चाहिये। उन्होंने बेपनाह दौलत बना ली है।
इस बीच, राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण और वक्फ राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि दोनो बोर्डों में व्यापक पैमाने पर घोटाले किये गये हैं। इसकी जांच कर दोषियों को सजा दिलाई जायेगी। उनका कहना था कि वक्फ बोर्ड से श्री खां के मौलाना अली जौहर विश्वविद्यालयए रामपुर की ओर बजट स्थानातंरित किये गये।
रजा ने कहा कि केन्द्रीय वक्फ काउंसिल ने स्वयं सबकुछ देखा है। उसे एहसास है कि कौम की सम्पत्तियों की किस तरह लूटपाट की गयी। लूट करने वाले सजा पायेंगे।