नई दिल्ली, भारत में हुए एक रक्षा सौदे में घूस को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। ब्रिटिश कंपनी रॉल्स रॉयस पर भारत में रक्षा सौदा हासिल करने के लिए करीब 10 मिलियन पाउंड (तकरीबन 82 करोड़ रुपये) रुपये खर्च करने का आरोप लगा है।
गार्जियन और बीबीसी ने इस मामले की पड़ताल की है। उन्होंने कई लीक दस्तावेज और बिचौलियों के बयानों के आधार पर यह कहा है कि रॉल्स रॉयस ने अवैध तरीके से इस पैसे का प्रयोग कर कई वर्षों तक मुनाफा कमाया। रिपोर्ट के मुताबिक रॉल्स रॉयस ने भारतीय वायु सेना के इस्तेमाल में आने वाले हॉक एयरक्राफ्ट्स के इंजन का कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए दलाल को गुप्त भुगतान किया। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक हथियारों के डीलर सुधीर चौधरी को कंपनी की तरफ से इन पैसों का भुगतान किया गया।
सुधीर चौधरी वही शख्स है जिस पर पहले भी भारत में रक्षा सौदों को लेकर दलाली करने का आरोप लग चुका है।भारत सरकार ने सुधीर चौधरी को ब्लैक लिस्ट कर रखा है। वह फिलहाल लंदन में रहते हैं। वहीं सुधीर चौधरी के वकील के हवाले से यह भी कहा गया है कि उनके मुवक्किल ने न तो कभी किसी भारतीय अधिकारी को रिश्वत दी है और न ही किसी रक्षा सौदे में दलाल की भूमिका निभाई है। गार्जियन के मुताबिक अब जांच में उन खास आरोपों की पड़ताल की जा रही है जिसमें इन बिचौलियों की मदद से घूस दी गयी। 13 अरब पौंड मार्केट वैल्यू वाली रॉल्स रॉयस पैसेंजर जेट के लिए टर्बाइन, इंजन और मिलिट्री एयरक्राफ्ट बेचने का काम भी करती है। गार्जियन/बीबीसी जांच को सोमवार को बीबीसी के पैनोरमा प्रोग्राम में दिखाते हुए दावा किया गया कि पहले जितना लोग इस मामले को जानते थे, उससे कहीं अधिक एजेंटों का इस्तेमाल इस कंपनी ने किया। कम से कम 12 देशों में इस काम के लिए कंपनी ने एजेंटों की सेवाएं लीं। ये देश हैं- ब्राजील, भारत, चीन, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, अंगोला, इराक, ईरान, कजाकिस्तान, अजरबैजान, नाइजीरिया और सऊदी अरब।