नई दिल्ली, केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार राज्यों के विज्ञापनों और क्षेत्रीय न्यूज चैनलों पर लगाम लगाने जा रही है। केंद्र सरकार द्वारा गठित बी बी टंडन समिति सरकारी विज्ञापनों की भाषा की समीक्षा कर रही है। केंद्र सरकार पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त बी बी टंडन की की अगुवाई एक समिति का गठन किया है। समिति सरकारी विज्ञापनों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुपालन की समीक्षा कर रही है। इन सबके बीच दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष और तमिलनाडु सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले न्यूज चैनल के प्रस्ताव को ठुकराया जाने की संभावना जताई जा रही है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि पंजाब और केरल में केबल मोनोपोली से ये साफ होता है कि राजनीतिक दल चैनलों का दुरुपयोग करते रहे हैं। इस मामले में ट्राई की गाइडलाइंस भी साफ है कि केंद्र सरकार या राज्य सरकार या राजनीतिक दल चैनलों को नहीं चला सकते हैं। हालांकि इस मामले में अभी किसी तरह का फैसला नहीं किया गया है।कुछ दिनों पहले सूचना प्रसारण मंत्री अरुण जेटली इस बात पर चिंता जता चुके हैं कि इन विज्ञापनों के जरिए एक तरह से राजनीतिक ब्लैकमेलिंग और जनमत को लुभाने की बेजा कोशिश हो रही है। सूचना प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि समिति के दायरे में बेहिसाहब और चुनिंदा सरकारी विज्ञापनों को लाया जा सकता है।