रायबरेली, उत्तर प्रदेश के रायबरेली के अधिवक्ताओं की सबसे बड़ी बार सेंट्रल बार एसोसिएशन दीवानी कचेहरी रायबरेली ने हापुड़ में हुए बर्बर लाठीचार्ज के मामले में अपनी हड़ताल को आगामी दो दिनों के लिए और बढ़ा दिया है।
दीवानी कचहरी की सेंट्रल बार एसोसिएशन ने बैठक कर मंगलवार को प्रस्ताव पारित करते हुए हापुड़ में हुए पुलिस के बर्बर लाठीचार्ज के प्रकरण पर अपने न्यायिक कार्यों के बहिष्कार को 21 सितंबर तक बरकरार रखा है।
गौरतलब है कि विगत 29 अगस्त को हापुड़ के अधिवक्ताओं पर पुलिस ने बर्बर लाठीचार्ज किया था जिसके बाद से विभिन्न जिलों के अधिवक्तागण आंदोलित है और लगातार न्यायिक कार्यों का बहिष्कार किये हुए है। इस हड़ताल को लेकर अधिवक्तागण और सरकार के बीच तनातनी है। ऐसा लगता है कि अधिवक्ता समाज अपनी मांगों को पूरा कराए बिना हड़ताल से पीछे हटने को तैयार नही है। विरोध के क्रम में वकील सरकार विरोधी नारे के साथ ही न्यायिक कार्यों के बहिष्कार के साथ अपनी मांगो पर अड़े है और अभी तक रायबरेली में शान्ति पूर्ण ढंग से अपने आंदोलन को संचालित कर रहे है। अधिवक्ताओं की हापुड़ में आगामी गुरुवार को महासम्मेलन की भी तैयारी है।
दीवानी कचहरी में आज सेंट्रल बार के तत्वावधान में अधिवक्ताओं ने आम सभा की बैठक आहूत की और बहुमत के आधार पर हापुड़ में अधिवक्ताओं पर हुए बर्बर लाठीचार्ज की भर्त्सना करते हुए आरोप लगाया की उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में अधिवक्ता गण न्यायिक कार्य से विरत है और मौजूदा सरकार ने अभी तक कोई स्पष्ट दिशा निर्देश नही जारी किए न ही वकीलों की मांगों को पूरा किया है। अधिवक्ता 21 सितंबर को हापुड़ में आयोजित महासम्मेलन में शामिल होने जा रहे है। इन सभी कारणों से गुरुवार तक हापुड़ बार एसोसिएशन के समर्थन में रायबरेली सेंट्रल बार के अधिवक्तागण कार्य से विरत रहेंगे। इसी तरह का हड़ताल को जारी रखने का प्रस्ताव कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन ने भी पारित किया है।
गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान से इस मामले में हुई पीआईएल पर भी गठित एसआईटी की आख्या पर असंतोष जताया है और मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर मुकर्रर की है।