नई दिल्ली, पत्रकार अर्णब गोस्वामी और उनके न्यूज चैनल ‘रिपब्लिक टीवी’ को दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है कि शब्द रूपी हमले करके वह किसी का अपमान नही कर सकतें हैं। हाई कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि वे कांग्रेस सांसद शशि थरूर के खिलाफ शब्द रूपी हमले बंद करें. थरूर ने अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के संबंध में अर्णब गोस्वामी पर दो करोड़ रुपए मानहानि का मुकदमा दायर किया है.
न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा कि पत्रकार और उनका समाचार चैनल यह कहते हुए खबरें दिखा सकता है कि ये तथ्य पुष्कर की मौत की जांच से संबंधित हैं. लेकिन कोर्ट ने कहा कि वो तिरवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य थरूर को ‘अपराधी’ नहीं कह सकता. अदालत ने यह भी कहा कि सिर्फ इसलिए कि थरूर उनके शो में नहीं आ रहे हैं या साक्षात्कार नहीं दे रहे हैं, यह इस बात को कहने का आधार नहीं हो सकता कि वह भाग रहे हैं, जैसा कि समाचार चैनल ने कहा.
अदालत ने थरूर की ओर से जवाब नहीं आने के संबंध में कहा कि किसी व्यक्ति को मौन रहने का अधिकार है और कोई नहीं समझा है कि कैसे हमारा कानून काम करता है. अदालत ने थरूर की याचिका पर गोस्वामी और उनके चैनल को नोटिस जारी करते हुए यह टिप्पणियां कीं.
अदालत ने कोई भी अंतरिम आदेश नहीं दिया जिसके तहत चैनल को समाचार के प्रसारण से रोका जा सके. लेकिन कोर्ट ने कहा कि चाहे जो भी उकसावा हो, आप (गोस्वामी) उन्हें नेता का मुखौटा धारण किए हुए अपराधी नहीं कह सकते हैं. यह गैर जरूरी और अनुमान पर आधारित है. अदालत ने कहा कि आप इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकते. आप उनका अपमान नहीं कर सकते. इस शब्दाडंबर को बंद करें.
उसके बाद गोस्वामी और चैनल की तरफ से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी ने कहा कि वह अपने मुवक्किल को उसी अनुसार सलाह देंगे. सेठी ने यह भी कहा कि उनके मुवक्किल थरूर के खिलाफ दिए गए बयान के औचित्य को रखेंगे और इसलिए कोई भी अंतरिम आदेश नहीं दिया जाना चाहिए. अदालत ने इसके बाद मामले की अगली सुनवाई की तारीख 16 अगस्त को निर्धारित कर दी.