लखनऊ, किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (केजीएमयू) देश का पहला पीडियाट्रिक्स आथरेपेडिक सेंटर बनने की तरफ अग्रसर है। शुरुआत में संस्थान में संचालित 25 बेडों की पीड्रियाटिक्स आथरेपैडिक यूनिट को विभाग में बदलने के लिए शासन को 10 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा गया है।
पीडियाट्रिक्स आथरेपैडिक्स विभाग के प्रमुख डॉ. अजय सिंह के मुताबिक, देश के अन्य मेडिकल संस्थानों में बच्चों का इलाज साधारण आथरेपैडिक विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है। बच्चों के इलाज करने के लिए विशेष पीड्रियाटिक्स आथरेपैडिक डक्टर की आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया कि पूरे देश में कुल 250 और प्रदेश में पांच पीड्रियाट्रिक्स आथरेपैडिक विशेषज्ञ ही मौजूद हैं। ऐसे में प्रशिक्षित डॉक्टरों की कमी के चलते पीडियाट्रिक्स आथरेपैडिक डॉक्टरों को प्रशिक्षण के लिए विदेश जाना पड़ता है। केजीएमयू में प्रत्येक सप्ताह लगभग 350 बच्चे हड्डियों की विभिन्न परेशानियों के साथ इलाज के लिए आते हैं। डॉ. अजय सिंह के अनुसार, यूनिट की उपयोगिता को देखते हुए दो वर्ष पूर्व प्रदेश सरकार ने 1.75 करोड़ रुपये का बजट जारी किया था। इससे आथरेपैडिक विभाग में ही 25 बेड की पीडियाट्रिक्स आथरेपैडिक यूनिट की शुरुआत की गई थी। बच्चों की संख्या को देखते हुए इस यूनिट को विभाग में तब्दील किया जा रहा है। यूनिट की उपयोगिता को देखते हुए प्रदेश सरकार ने केजीएमयू से पीडियाट्रिक्स आथरेपैडिक विभाग के लिए प्रस्ताव की मांग की थी। उन्होंने बताया कि आर्थिक मदद के बाद इसे 25 बेड के स्थान पर 30 बेड का किया जाएगा। चार पीडियाट्रिक्स आथरेपैडिक डॉक्टर और पांच सीनियर रेजिडेंट नियुक्त होंगे।