लखनऊ, आस्था के केन्द्र के साथ साथ देश की एक बड़ी आबादी की लाइफ लाइन ‘गंगा’ के निर्मल स्वरूप को वापस लाने में डेनमार्क उत्तर प्रदेश सरकार की मदद करेगा।
राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को शुरू हुयी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में गंगा और उसकी सहायक नदी वरुणा की सफाई को लेकर डेनमार्क सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच एक हजार करोड़ रूपये के समझौता पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गये हैं जिसके तहत डेनमार्क सरकार वाराणसी में गंगा की सफाई के लिए स्मार्ट रिवर लेबोरेटरी बनाएगी।
वृंदावन योजना में आयोजित जीआईएस 23 के दौरान डेनमार्क पार्टनर सत्र में डेनमार्क के मंत्री डैन जोर्जेंसन और उत्तर प्रदेश सरकार के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के बीच ये एमओयू साइन हुआ। इस दौरान डेनमार्क के वैश्विक जलवायु नीति के मंत्री डैन जोर्जेंसन ने कहा कि भारत विश्व की सबसे बड़ी ताकत के रूप में उभर रहा है, वहीं उत्तर प्रदेश भारत की शक्ति बन चुका है। यही नहीं हम लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के दूरदर्शी नेतृत्व में यूपी के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं।
उन्होंने भारत-डेनमार्क हरित रणनीतिक साझेदारी के बारे में बोलते हुए कहा कि यह साझेदारी स्केल, स्किल्स, स्पीड, स्कोप और सस्टेनेबिलिटी के आधार पर दिशा तय करती है। यहीं नहीं हम लोग डायबिटीज को पूरी तरह खत्म करना चाहते हैं और उसके लिए पूरी तरह से डटे हुए हैं।
प्रदेश के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि भारत और डेनमार्क के बीच रिश्ते कई दशक पुराने हैं। कोविड के दौरान भी दोनों सरकारों के बीच सकारात्मक सहयोग बना रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत डेनमार्क के साथ मिलकर ग्रीन पार्टनरशिप के माध्यम से पर्यावरण को बचाने के लगातार काम कर रहा है। एनर्जी, फूड, सॉफ्टवेयर जैसे क्षेत्रों में डेनमार्क भारत में काम करते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गंगा की सहायक नदियां विशेष रुप से वाराणसी में वरुणा नदी के कायाकल्प का प्रोजेक्ट निश्चित रुप से वहां के लोगों को नया जीवन देगा। हमारी सरकार लगातार नदियों के पानी को साफ करने के साथ-साथ जल जीवन मिशन के माध्यम से हर घर जल पहुंचाने के लिए कार्य कर रही है। डेनमार्क के प्रधानमंत्री ने भी भारत के जल जीवन मिशन को लेकर किए जा रहे प्रयासों की सराहना की थी।