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विश्व बंधुत्व के लिये भारत का विश्वशक्ति बनना ज़रूरी – सूरीनाम के उपराष्‍ट्रपति

surinamबेंगलुरु,  कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में 14वें प्रवासी दिवस सम्मेलन आज शुरू हो गया। सम्मेलन के विशिष्ट अतिथि सूरीनाम के उपराष्‍ट्रपति माइकल अश्विन अधिन, केन्द्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री विजय गोयल और विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह ने यहां युवा प्रवासी भारतीय दिवस का उद्घाटन किया।

उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए विश्व के सबसे युवा उपराष्ट्रपति 36 वर्षीय श्री अधिन ने देश विदेश के युवाओं का भारत को विश्वशक्ति बनाने में योगदान देने का आह्वान किया और कहा कि ऐसा इसलिये ज़रूरी है क्योंकि भारत अपनी सांस्कृतिक,आध्यात्मिक विरासत के प्रभाव के कारण समूची मानवता के कल्याण के समर्पित विश्व व्यवस्था कायम करने में अहम योगदान दे सकता है।
श्री अधिन ने कहा कि हमें एक श्शक्तिशाली एवं प्रभावशाली भारत, इसलिये चाहिये ताकि वसुधैव कुटुम्बकम् का मंत्र दुनिया में वास्तविक अर्थ में लागू हो सके। भारत आर्थिक एवं सैन्य शक्ति बने और उसके आध्यात्मिकए धार्मिक एवं सांस्कृतिक बल से गरीबीए असमानता को दूर करके सही मायने में आदर्श एकरूपता कायम हो। उन्होंने भारत की सबसे बड़ी ताकत धर्म को बताया और कहा कि धर्म के तीनों तत्व. यज्ञ, तप और दान,से ही एक उदारमना एवं शांतिप्रिय व्यवस्था बन सकती है। उन्होंने भारत के विश्वगुरू बनने की भी कामना की।
श्री गाेयल ने प्रवासी युवाओं को भरोसा दिलाया कि केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार भारत को विकसित देशों की कतार में उचित स्थान दिलाने के लिये लगातार काम कर रही है। उन्होंने प्रवासी भारतीयों के बच्चों को भारत के शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के बारे में चिंताओं का उल्लेख किया और विश्वास दिलाया कि उनका समाधान किया जायेगा। प्रवासी भारतीयों के बच्चों के लिये 15 प्रतिशत का आरक्षण का कोटा बढ़ाये जाने का विचार किया जा रहा है।
जनरल सिंह ने अपने संबोधन में युवाओं को भारत के परावर्तन में योगदान के लिये चार श्टीश् का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि श्टैलेंटए टैक्नोलॉजीए ट्रेनिंग और टीमवर्कश् के माध्यम से देश की कायापलट हो सकती है। उन्होंने कहा कि 2020 में भारत की औसत आयु 29 वर्ष होगी। ये युवा तकनीक को अपना कर समाज को बहुत तेजी से आगे ले जा सकते हैं। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशनए स्वच्छ ऊर्जाए नदियों की सफाई में तकनीक से नये समाधान खोजने का आह्वान किया।
ष्भारत के परावर्तन में प्रवासी युवाओं की भूमिकाष् विषय पर आधारित दूसरे युवा प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्देश्य दुनिया भर में फैले भारतवंशी और प्रवासी भारतीय परिवारों के युवाओं को भारत की संस्‍कृति और विरासत से जोड़ने के साथ.साथ समकालीन भारत दोनों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। सम्मेलन में ष्भारत को जानोष् कार्यक्रम के अंतर्गत भारतीय मूल के करीब 160 युवा भागीदारी कर रहे हैं। इनमें राष्‍ट्रीय सेवा योजना से 250 स्‍नातक और स्‍नाकोत्तर छात्र और बेंगलुरु के विभिन्न महाविद्यालयों एवं संस्थानों से 200 छात्र शामिल हैं।

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