वीरांगना फूलन देवी की मूर्ति- स्थापना रोकना, सामन्ती सोच का प्रतीक
July 27, 2016
सुलतानपुर,गोरखपुर में सन् आफ मल्लाह मुकेश साहनी के द्वारा वीरांगना फूलन देवी निषाद की मूर्ति की स्थापना को रोके जाने से निषाद समुदाय मे आक्रोश व्याप्त है। सुलतानपुर मे शिक्षक श्यामलाल निषाद (गुरूजी) ने कहा कि गोरखपुर में सन् आफ मल्लाह मुकेश साहनी के द्वारा वीरांगना फूलन देवी निषाद की मूर्ति की स्थापना रोककर समाजवादी पार्टी ने पिछड़े एवं दलितों के आदर्श के प्रति अपनी सामन्ती सोच जाहिर कर दी जो प्रजातन्त्र के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। श्री निषाद ने कहा कि जिस फूलन देवी के आहवान पर निषादों का वोट समाजवादी पार्टी के परम्परागत वोट में तब्दील होकर सूबे में चार-चार बार सरकार बनवाई वही सपा सरकार फूलन देवी की मूर्ति को जब्त कराने का आदेश तथा समय-समय पर निषादों पर लाठी और गोली चलवाकर, अपमानित और दमन करने पर तुली है फिर भी निषाद समुदाय के कुछ लोग अपने व्यक्तित्व लाभ के चक्कर में सपा का गुणगान कर समाज को गुमराह कर अपना उल्लू सीधा करने में लगे हैं। श्री निषाद ने कहा कि जिस तरह से अमर सिंह और ठाकुर समाज को खुश करने और रिश्तेदारी निभाने के लिए अखिलेश सरकार ने दलितों एवं पिछड़ों के आदर्श वीरांगना फूलन निषाद को जब्त कराया उसी तरह दलित और पिछड़ा समाज 2017 के चुनाव में सपा प्रत्याशियों की जमानत जब्त करा देगा। श्री निषाद ने यह भी कहा कि पिछड़ी जातियों में राजनीतिक जागरूकता की कमी तथा संगठित न होने के कारण प्रजा तांत्रिक युग में भी सामन्तवादी व्यवस्था का दंश झेलना पड़ रहा है।