प्रयागराज, उत्तर प्रदेश की संगम नगरी प्रयागराज में माघ मेले के चौथे स्नान पर्व बसंत पंचमी के अवसर पर गुरुवार को लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में हर-हर महादेव और हर-हर गंगे के उद्घोष के साथ डुबकी लगाई।
भोर से ही हो रही भारी बारिश के बीच लाखों श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाने पहुँचे। अभी भी स्नान का सिलसिला जारी है । बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा करने का भी विधान है। इस बार 26 जनवरी, गुरुवार को बसंत पंचमी का पावन पर्व मनाया जा रहा है।
मेला प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि कुल 17 घाटों पर स्नान की व्यवस्था की गई है। गणतंत्र दिवस होने के कारण कल्पवासी और तपस्वियों के शिविरों में झंडा रोहण किया गया। भक्ति के साथ ही देशभक्ति के गीत से वातावरण गुंजायमान है। संगम तट पर स्थित लेटे हनुमानजी का तिरंगे के रंग में श्रृंगार किया गया।
संतो ने बताया कि बसंत पंचमी के दिन स्नान करने का बहुत महत्व है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से बुद्धि बल का विकास होता है और सभी मनोकामनायें पूरी होती हैं , शुभ कार्य की प्राप्ति होती हैं और जीवन में सफलता जरूर मिलती है, साथ ही मां सरस्वती का आशीर्वाद भी बना रहता है।
बसंत पंचमी के दिन पपीते व केले का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से शारीरिक व मानसिक विकास होता हैवहीं, पीले रंग को बसंत का प्रतीक माना जाता है। इसलिए इस दिन पूजा और वस्त्रों में भी पीले रंग का इस्तेमाल किया जाता है।साथ ही, मां सरस्वती की अराधना भी पीले फूल चढ़ाकर की जाती है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि माघ मेले में सुरक्षा व्यवस्था की सख्त व्यवस्था की गई है। सभी पांच सेक्टरों में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। संगम तट पर पैरामिलिट्री फोर्स का पहरा है। मेले में 200 हाईटेक सीसीटीवी कैमरों के जरिए नजर रखी जा रही है।