संभल, उत्तर प्रदेश के संभल में बिजली चोरी की छापेमारी के दौरान एक मंदिर के पिछले 46 साल से बंद होने की जानकारी हुयी जिसके बाद पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने मंदिर को खुलवाया।
बिजली विभाग की टीम शनिवार को पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ संभल के मोहल्ला खग्गू सराय में बिजली की चेकिंग कर रही थी। इस दौरान पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को एक मंदिर के बंद होने और कुछ लोगों द्वारा मंदिर पर अतिक्रमण कर लिए जाने की जानकारी मिली।
अधिकारियों ने जिलाधिकारी राजेंद्र पैसिया को मामले की जानकारी दी। जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई मौके पर पहुंच गए और मंदिर को खुलवाया तथा मंदिर एवं मंदिर में स्थापित शिवलिंग एवं मूर्तियां की साफ सफाई कराई। बुजुर्ग लोगों ने बताया कि भगवान शिव का यह मंदिर लगभग 400-500 साल पुराना है। वर्ष 1978 में संभल में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद से यह मंदिर बंद हो गया था। मंदिर के बंद होने का कारण दंगे के बाद आसपास के हिंदू समुदाय के निवासियों का मोहल्ले से पलायन कर जाना बताया जा रहा है।
मंदिर के आसपास के हिंदू समुदाय के निवासियों के मोहल्ले से पलायन कर जाने के बाद भक्तजनों के मंदिर में न आने पर पुजारी ने भी मंदिर में जाना बंद कर दिया था, जिसका लाभ उठाकर मंदिर के आसपास के दूसरे संप्रदाय के निवासियों ने मंदिर पर अतिक्रमण कर लिया।
मंदिर से सपा सांसद जियाऊर्रहमान वर्क का घर लगभग 200 मी दूर है तथा मंदिर से जामा मस्जिद लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर है। जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान ही पिछले महीने हुए विवाद में चार लोगों की मृत्यु हुई थी। जिलाधिकारी ने बताया कि इस इलाके में बिजली चोरी ज्यादा होती है। टीम यहां आती नहीं थी। बिजली की चेकिंग के दौरान मंदिर देखा तो बंद पड़े मंदिर को खुलवाया गया। मंदिर जिस समाज का है उस समाज को सौंप दिया जाएगा। मंदिर के तीन तरफ अतिक्रमण है जिसे हटाया जाएगा। मंदिर के पास ही एक कुआं है जिस पर रैंप बना दिया गया है इसका अतिक्रमण हटवाया गया तब कुए की बनावट मिली है। मंदिर लगभग 70 गज में बना हुआ है।