जालौन, उत्तर प्रदेश के जनपद जालौन में समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य इंद्रजीत सिंह यादव का निधन हो गया है। वह 85 साल के थे।
पारिवारिक सूत्रों से आज मिली जानकारी के अनुसार सपा नेता इंद्रजीत सिंह यादव ने उरई के सूर्य नगर स्थित अपनी पैतृक आवास पर शनिवार देर रात उनका निधन हो गया। श्री यादव कोरोना के बाद से ही बीमारी से जूझ रहे थे। वह 15 वर्षों तक जालौन जनपद के जिलाध्यक्ष की कमान संभालने वाले बुंदेलखंड के गांधीवादी नेता थे।
इस घटना की जानकारी मिलते ही पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। रविवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। यह जानकारी उनके बेटे पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष आनंद यादव ने दी। उनके हाल चाल लेने के लिए पिछले वर्ष 27 दिसंबर को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 40 मिनट तक उनके आवास पर रुके थे।
15 वर्षों तक लगातार जिलाध्यक्ष रहे इंद्रजीत सिंह यादव प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री समाजवादी पार्टी के संस्थापक रहे। वह मुलायम सिंह यादव के बेहद खास माने जाते थे। जब जनता दल बना, तब मुलायम सिंह यादव ने उन्हें 1980 में जनता दल का जिलाध्यक्ष बनाया था और 6 अक्टूबर 1992 में समाजवादी पार्टी का गठन होने के बाद उन्हें संस्थापक सदस्य के साथ-साथ जिलाध्यक्ष नियुक्त किया था। इसके बाद वह लगातार 15 साल तक समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष रहे।
समाजवाद के इस सच्चे सपूत की सरलता और सादगी के जीवंत उदाहरण के रूप में मिसाल दी जाती थी। कोई बूढ़ा हो जवान उन्हे हर कोई “ भाई साहब” ही कहकर पुकारता था ।
भाईसाहब के राजनीतिक सफर की बात करें तो सरलता सादगी के प्रतीक इन्दजीत सिंह यादव वर्ष 1980 तक कॉग्रेस कमेटी जालौन के अध्यक्ष रहे। पार्टी ने सुरेश पालीवाल को उरई विधान सभा से टिकट दिया तो उनका मन खिन्न हुआ और वह लोकदल का दामन थाम बैठे । फिर उन्होने कॉग्रेस की तरफ मुडकर नही देखा वह समाजवाद की अलख जगाते रहे । मित्रता के मामले मे उनका कोई सानी नही रहा ।
विचारधाराएं चाहें अलग रही पर पूर्व मंत्री स्व़ चौ़ शंकर सिंह, स्व़ बाबूराम एम काम की जोडी साथ रही लेकिन विचारघारा दोस्ती मे कभी आडे नही आयी ।
वैसे भाइसाहब की राजनीतक महत्वाकांक्षाएं ज्यादा नही रही फिर भी पार्टी ने उन्हे जिले मे 15 वर्ष सपा का जिलाध्यक्ष बनाये रखा । भाईसाहब ने उरई को मेडिकल कालेज व जोल्हूपुर कदौरा की सडक का तोहफा दिया । इस उदारमन नेता की इन दोनों मांगों पर सपा अध्यक्ष मुलायम सिह ने कहा था कि तुम अपने लिये कम समाज के लिये ज्यादा माँगते हो सच्चे समाजवादी की मांग हम कैसे टाल सकते है । वह पिरौना इन्टर कालेज के प्रबंधक अध्यक्ष भी रहे और उन्ही के कार्यकाल मे कृभको चेयरमैन डॉ़ चन्द्रपाल सिह यादव बतौर शिक्षक अपनी सेवाये देते रहे ।
इसके अलावा जब मुलायम सिंह यादव पहली बार मुख्यमंत्री बने तो उन्हें जल निगम बोर्ड का अध्यक्ष बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। इंद्रजीत यादव को बुंदेलखंड का गांधीवादी नेता कहा जाता था। सरल सौम्य होने के कारण विरोधी पार्टी के लोग भी उनका सम्मान करते थे। उनके निधन से समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं ने गहरा दुख व्याप्त है। उम्मीद है कि समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक भाईसाहब को उनकी अंतिम यात्रा में श्रद्धांजलि देने के लिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ,महासचिव तथा प्रदेश अध्यक्ष भी आ सकते हैं।