कुशीनगर, उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में नवनिर्मित अंतरराष्ट्रीय हवाई को उड़ान से संबंधित सभी तरह के संसाधनों से सुसज्जित किया जा चुका है। इसे चालू कराने के लिए सरकार की तरफ से सिर्फ निर्णय लेना है।
हवाई अड्डे पर की खासियत यह है कि यहां प्रदेश का सबसे बड़ा रनवे है। 21 किलोमीटर की लंबाई में चारों तरफ से बाउंड्रीवाल है। इसके एप्रन पर एक साथ पांच जहाजों की पार्किंग की सुविधा है। यह हवाईअड्डा करीब 600 एकड़ में बनाया गया है। भारतीय वायुसेना का बोइंग-737 विमान बीते सात जून को इस हवाई अड्डे पर उतरा जा चुका है, जो 19 मिनट तक यहां रुका रहा।
संभावना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विमान इस हवाई अड्डे पर 30 जुलाई को उतरे हालांकि इसकी कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन 30 जुलाई को सिद्धार्थनगर मेडिकल कॉलेजों के लोकार्पण के लिए प्रधानमंत्री के आगमन की सूचना से इस संभावना को बल मिल रहा है।
भारतीय वायुसेना का बोइंग-737 विमान बीते सात जून को इस हवाई अड्डे पर उतरा। 19 मिनट रुकने के बाद फिर उड़ान भर लिया था। यह हवाई अड्डे से जल्द उड़ान शुरू कराने के लिए संभवत: इसे शुभ संकेत माना गया था। इस विमान में पायलट सहित नौ लोग बैठे थे।
अभी कुछ दिन पूर्व ही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुशीनगर हवाई अड्डे से जल्द अंतरराष्ट्रीय उड़ान शुरू कराने का ट्विटर हैंडल से लिखा था। 30 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सिद्धार्थनगर में आगमन प्रस्तावित है। एयरपोर्ट से उड़ान की सभी तैयारी पूरी हो चुकी है। ऐसे में इस एयरपोर्ट से उड़ान शुरू करने के संबंधित में निर्देश मिल सकता है।
पिछले साल 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की समिति ने कुशीनगर हवाई अड्डे को एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में मान्यता देने का निर्णय लिया था। यह भारत का 29वां और उत्तर प्रदेश का तीसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। इस हवाई अड्डे का सामरिक महत्व भी है। क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास है। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने के पीछे भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली होना भी है, जहां देश व विदेश से हर साल लगभग तीन लाख पर्यटक आते हैं।
कुशीनगर में पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए वर्ष 1995 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने अंग्रेजी हुकूमत में बनी हवाईपट्टी को विकसित कर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की शुरुआत की थी। इसके बाद 10 अक्तूबर 1995 को कांग्रेस सरकार के केंद्रीय विमानन मंत्री गुलाम नबी आजाद और यूपी के तत्कालीन राज्यपाल मोतीलाल बोरा ने टर्मिनल बिल्डिंग का शिलान्यास किया था।
वर्ष 2016 में सपा सरकार ने कुशीनगर हवाईपट्टी को विकसित करने के लिए 199 करोड़ रुपये दिए। इसका शुभारंभ 04 अप्रैल 2016 को प्रदेश के तत्कालीन कैबिनेट मंत्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी ने डीएम की मौजूदगी में भूमि पूजन किया था। कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लगभग 600 एकड़ क्षेत्रफल में है। इस हवाई अड्डे के रनवे की लंबाई 3200 मीटर व चौड़ाई 46 मीटर एकल हवाईपट्टी है। यह बड़े आकार के विमानों को संभालने में सक्षम है।
अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 4800 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में जर्मन फैब्रिक मैटेरियल से टर्मिनल बिल्डिंग बनकर तैयार है, जिसमें सभी तरह की आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके अलावा फायर बिल्डिंग, बिजलीघर, पंप हाउस, पुलिस स्टेशन, आठ मंजिल का एटीसी बिल्डिंग बनकर तैयार है।
एयरपोर्ट के डायरेक्टर ए के द्विवेदी ने बताया कि इसे इंटरनेशनल एयरपोर्ट का लाइसेंस मिल चुका है। यह एयरपोर्ट विमानों के टेकऑफ के लिए पूरी तरह तैयार है। जैसे ही अनुमति मिलेगी, इस एयरपोर्ट का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।