नई दिल्ली, संसद की एक समिति ने सिफारिश की है कि संपदा निदेशालय:डीओईः और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग:सीपीडब्ल्यूडीः तथा अन्य संबंधित एजेंसियों द्वारा सरकारी आवासों के आवंटन और रखरखाव से संबंधित मुद्दों को समयबद्ध तरीके से निपटने के लिए एकल खिड़की प्रणाली स्थापित की जाए।
शहरी विकास से संबंधित संसदीय स्थाई समिति ने हाल ही में संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा है कि निर्माण एजेंसियों और रखरखाव एजेंसियों के बीच समन्वय की समस्या भारत में काफी पुरानी, निरंतर और सामान्य है। सबंधित एजेंसियों और विभागों के बीच बेहतर समन्वय और सहयोग उत्कृष्ट परिणामों के लिए तथा सेवा का इस्तेमाल करने वालौं के संतोष के स्तर को बढ़ाने के लिए अत्यावश्यक है। समिति ने कहा कि डीओई मुंबई, चेन्नई और कोलकाता के सभी क्षेत्रीय स्टेशनों के आवासों के रखरखाव, आवंटन के संबंध में ऐसी कोई सिंगल विन्डो नहीं है कि आवंटन से संबंधित विषयों को देखने वाला संपदा निदेशालय तथा रखरखाव से संबंधित मुद्दों को देखने वाले सीपीडब्ल्यूडी दोनों के साथ अन्य एजेंसियों की शिकायतों का निपटान हो सके।
बीजू जनता दल के सांसद पिनाकी मिश्रा की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा कि आवंटियों की शिकायतों के निपटारे और सरकारी आवासों के रखरखाव तथा आवंटन के लिए सहयोग समन्वय होना चाहिए तथा विन्डो प्रणाली होनी चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार, यह भी अनिवार्य है कि सीपीडब्ल्यूडी और डीओई तथा अन्य संबंधित एजेंसियों के लिए मजबूत शिकायत निवारण तंत्र हो।